हिंदी में साउथ का दबदबा, पर दक्षिण भारत में बॉलीवुड फिल्मों को नहीं मिल रहे दर्शक
आखिर क्यों साउथ की फिल्में रिलीज होने के साथ रिजनल भाषा ही नहीं बल्कि हिंदी ऑडियंस के बीच बढ़िया कमाई करती हैं और क्यों हिंदी की फिल्में साउथ में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती. आइये आंकड़ों के जरिए जानते हैं इसकी बड़ी वजह.
South and Bollywood Movies Box Office: पिछले कुछ समय से साउथ की फिल्मों का दबदबा दुनियाभर में देखने को मिल रहा है. ऐसा नहीं है कि किसी एक फिल्म या किसी एक डायरेक्टर की फिल्म चल रही हो. ऐसा भी नहीं है कि लोग किसी बड़े सुपरस्टार के प्रभाव में साउथ फिल्में देख रहे हों. कलाकार चाहे जो हो, टॉपिक चाहे जो हो, पिछले कुछ समय से साउथ की फिल्मों को यूनिवर्सल एक्सेप्टेंस मिली है और इन फिल्मों का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन इस बात का प्रूफ है. हिंदी की ऑडियंस को भी अब इंतजार सिर्फ इस बात का रहता है कि कब कोई साउथ की नई फिल्म रिलीज होगी. इसमें कोई दोराय नहीं है कि हिंदी की ऑडियंस आज जितना उत्सुक साउथ फिल्मों को लेकर होती है उतना उत्साह किसी हिंदी फिल्म की रिलीज पर देखने को कम ही मिल रहा है. लेकिन जब हिंदी की कोई बड़ी फिल्म रिलीज होती है तो कई जगहों पर अच्छा प्रदर्शन करती है लेकिन साउथ में उस हिसाब से नहीं चल पाती.
आखिर क्यों साउथ की फिल्में रिलीज होने के साथ सिर्फ रिजनल भाषा ही नहीं बल्कि हिंदी ऑडियंस के बीच बढ़िया करती हैं और क्यों हिंदी की फिल्में साउथ में अच्छा नहीं कर पाती. आइये पहले कुछ आंकड़ों से जान लेते हैं कि पिछले कुछ समय में रिलीज हुईं बॉलीवुड फिल्मों का साउथ में कलेक्शन कैसा रहा और साउथ सुपरस्टार की फिल्मों ने हिंदी ऑडियंस के बीच कैसी कमाई की.
हिंदी में रिलीज साउथ फिल्मों के बॉक्स ऑफिस आंकड़े
- KGF 2- 434.64 करोड़
- RRR- 274 करोड़
- पुष्पा- 108 करोड़
साउथ में रिलीज हुईं हिंदी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस आंकड़े
- पठान- 14 करोड़
- ब्रह्मास्त्र- 4 करोड़
- भूलभुलैया 2- 3.50 करोड़
आंकड़ों में साफ देखा जा सकता है कि कैसे शाहरुख खान और रणबीर कपूर जैसे बड़े स्टार्स की फिल्मों ने दुनियाभर के बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया लेकिन साउथ में इन फिल्मों की कमाई काफी लो रही. लेकिन वहीं साउथ के यश, अल्लू अर्जुन और राम चरण जैसे स्टार्स की फिल्मों ने हिंदी में इतनी कमाई की जितना बॉलीवुड के बड़े-बड़े एक्टर्स नहीं कर पाते. टीवी 9 भारतवर्ष से बातचीत के दौरान ट्रेड एनालिस्ट सुमित काडेल ने बताया कि आखिर क्यों साउथ में भारत की बड़ी-बड़ी फिल्में दम तोड़ दे रही हैं.
सुमित काडेल ने कहा- ”ये हमारे यहां एक परसेप्शन है कि हिंदी फिल्में साउथ में चलती नहीं हैं. जो वहां के बड़े शहर हैं जैसे हैदराबाद, केरल और चेन्नई, वहां पर फिल्में चलती हैं. पठान ने भी बड़े शहर में अच्छा बिजनेस किया है. पठान की भी कमाई 12 करोड़ से ज्यादा हो गई है और लाइफटाइम में ये 20 करोड़ से ज्यादा कमा लेगी. लेकिन वहां पर जो छोटे शहर और गांव के इलाके के लोग हैं वे वहां के एक्टर्स को वर्शिप करते हैं. वे ज्यादातर हिंदी स्टार्स को या तो जानते नहीं हैं और अगर जानते हैं तो भी उन्हें मालूम नहीं होता कि उनकी फिल्में आ रही हैं. हम ना तो अपनी फिल्मों को वहां प्रमोट करते हैं, ना तो उनके शोज में जाते हैं. ब्रह्मास्त्र फिल्म ने एसएस राजामौली को अप्रोच किया. नागार्जुन को फिल्म में शामिल किया. और वहां से फिल्म ने अच्छा बिजनेस किया.”
सुमित ने आगे कहा- ”जब हमारे एक्टर्स वहां पर जाएगे. छोटे शहरों में जाकर अपनी फिल्में प्रमोट करेंगे. अगर कॉन्टेंट अच्छा होगा उसमें साउथ के एक्टर्स को भी लिया जाएगा तो हिंदी की फिल्में वहां भी चलेंगी. जैसे अब शाहरुख खान की जवान फिल्म आने वाली है. इसका निर्देशन एटली कर रहे हैं. इसमें विजय सेतुपति भी हैं. आप देखिएगा कि वहां पर फिल्म काफी अच्छा बिजनेस करेगी. वहां पर फिल्म सिर्फ तमिल नाडु में ही 25-30 करोड़ की कमाई कर लेगी. तो अगर हम वहां की टारगेट ऑडियंस को ध्यान में रखकर फिल्में बनाएं तो फिल्म जरूर चलेगी. और वहां के बड़े शहरों में हिंदी की बड़ी फिल्में अच्छी कमाई करती हैं.”