CWG 2022: शूटिंग की कमी भारत कैसे करेगा पूरी? जानिए किन खेलों में है देश की सबसे मजबूत दावेदारी
भारत को हर बार कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग में बड़ी संख्या मेडल हासिल होते हैं. हालांकि इस बार शूटिंग इन गेम्स में शामिल नहीं हैं
भारतीय खिलाड़ियों का दल कॉमनवेल्थ गेम्स में इस बार बड़ी संख्या में मेडल जीतने के इरादे से उतरेगा. हालांकि इस बार शूटिंग कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल नहीं है जिससे भारत को बड़ा झटका लगा है. शूटिंग के न होने का नुकसान भारत को मेडल टेली में होगा. भारत के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में टॉप पांच में जगह बनाना मुश्किल होगा लेकिन बर्मिंघम 2022 के आयोजक चुनौतीपूर्ण तैयारियों के बाद सफल खेल टूर्नामेंट आयोजित करने की कोशिश करेंगे. गुरुवार की शाम को एलेक्जेंडर स्टेडियम में होने वाले उद्घाटन समारोह से इन खेलों की शुरुआत होगी. ब्रिटेन पिछले 20 वर्षों में तीसरी बार इस कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन कर रहा है.
भारत को होगा शूटिंग के न होने का नुकसान
भारत खेल महाशक्ति बनने से अभी काफी दूर है लेकिन राष्ट्रमंडल खेल देश के खिलाड़ियों के लिये मेडल बटोरने का अच्छा टूर्नामेंट बना रहा है जो कॉमनवेल्थ गेम्स के देशों में सबसे बड़े देशों में शामिल है. चार साल पहले गोल्ड कोस्ट खेलों में भारत ने कुल 66 मेडल जीते थे जिसमें 25 प्रतिशत योगदान निशानेबाजों का रहा था जिसमें उन्हें सात गोल्ड मेडल भी मिले थे. बड़ा सवाल यही है कि निशानेबाजी स्पर्धा के नहीं होने से भारत इसकी भरपायी किस तरह कर पायेगा? वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन, रेसलिंग और टेबल टेनिस से काफी मेडलों की उम्मीद है लेकिन ये शायद निशानेबाजी स्पर्धा की अनुपस्थिति से मेडलों की संख्या में कमी की भरपायी नहीं कर पायेंगे.
नीरज का न होना और डोपिंग ने डाला एथलेटिक्स दल पर असर
एथलेटिक्स में भारत ने स्पर्धा के 72 साल के इतिहास में केवल 28 मेडल जीते हैं और इस बार इस स्पर्धा में देश के छुपेरूस्तम होने की उम्मीद है लेकिन ओलिंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा के चोट के कारण अंतिम समय पर हटने से करारा झटका लगा है. वर्ल्ड चैंपियनशिप की कांस्य मेडल विजेता लॉन्ग जंप की एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज भी इससे इत्तेफाक रखती हैं, उन्होंने कहा, वह एथलेटिक्स टीम का कप्तान था, इसका काफी बड़ा असर पड़ेगा लेकिन एथलीट अपने काम पर ध्यान लगाये हैं. शूटिंग स्पर्धा की अनुपस्थिति से हमें नुकसान होगा लेकिन एथलेटिक्स में सात-आठ मेडल जीतकर कुछ हद तक इसकी भरपायी हो सकती है. अंजू को महिला जैवलिन थ्रो, लॉन्ग जंप जैसी स्पर्धाओं में मेडल की उम्मीद है जबकि दल के कुछ खिलाड़ी डोप जांच में विफल पाये गये. सेकर धनलक्ष्मी और ऐश्वर्या बाबू को डोप जांच में विफल आने के कारण 36 सदस्यीय टीम से हटना पड़ा.
रेसलिंग और वेटलिफ्टिंग से बड़ी संख्या में मेडल्स की उम्मीद
रेसलिंग में काफी मेडल की उम्मीद हैं. सभी 12 खिलाड़ियों से मेडल की उम्मीदें हैं, जिसमें मौजूदा चैंपियन विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया से गोल्ड मेडल की उम्मीदें हैं. गोल्ड कोस्ट में पहलवानों ने पांच गोल्ड सहित 12 मेडल जीते थे. वेटलिफ्टिंग में भी चार साल पहले पांच स्वर्ण सहित नौ मेडल आये थे और वे भी इसी प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे. इस दल की अगुआई ओलिंपिक सिल्वर मेडल विजेता मीराबाई चानू करेंगी. सुपरस्टार पीवी सिंधु की अगुआई में बैडमिंटन खिलाड़ियों से महिला एकल, पुरुष एकल, पुरुष डबल्स और मिक्स्ड टीम स्पर्धा मेडल जीतने की उम्मीदे हैं. टीम में अन्य स्टार विश्व चैंपियनशिप मेडल विजेता किदाम्बी श्रीकांत और लक्ष्य सेन हैं. भारत के दृष्टिकोण से हॉकी सबसे महत्वपूर्ण खेल होगा और पुरूष व महिला खिलाड़ी पिछले गोल्ड कोस्ट चरण की निराशा की भरपायी करने की कोशिश में होंगे जिसमें वे खाली हाथ घर लौटे थे.
पुरुष हॉकी टीम ऑस्ट्रेलिया के दबदबे को खत्म करने उतरेगी
पिछले साल टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल के ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद भारतीय पुरूष टीम ऑस्ट्रेलियाई दबदबे को खत्म करने की कोशिश करेगी जबकि महिला टीम भी शीर्ष तीन में रहने के लिये पुरजोर प्रयास करेगी. टेबल टेनिस में भारत गोल्ड कोस्ट में आठ मेडल जीतकर मेडल तालिका में पहले स्थान पर रहा था जिसमें से चार मेडल अकेले मनिका बत्रा के ही थे. हालांकि उस प्रदर्शन की बराबरी करना मुश्किल होगा लेकिन फिर भी कम से कम दो गोल्ड मेडल की उम्मीद बनी हुई है.
स्क्वाश से सिंगल्स वर्ग में मेडल की उम्मीद
भारत के अनुभवी अचंत शरत कमल अपने पांचवें और अंतिम राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेंगे और वह 16 साल पहले जीते गये एकल स्वर्ण प्रदर्शन का दोहराव करना चाहेंगे. मुक्केबाजों को पिछले चरण में नौ मेडल मिले थे और वे इस बार भी मेडल तालिका में बड़ा योगदान करेंगे. अमित पांघल टोक्यो ओलिंपिक के निराशाजनक अभियान को भुलाकर बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिये बेताब होंगे तो वहीं ओलिंपिक ब्रॉन्ड मेडल विजेता लवलीना बोरगोहेन विश्व चैंपियनशिप की निराशा के बाद वापसी करना चाहेंगी. मौजूदा विश्व चैंपियन निकहत जरीन के प्रदर्शन पर सभी की निगाहें लगी होंगी. गैर ओलंपिक खेलों में स्क्वाश खेल सिंगल्स वर्ग में अपने पहले मेडल की तलाश में होगा. वहीं मिक्स्ड डबल्स ओर महिला डबल्स में दो गोल्ड मेडलों की संभावनायें हैं.