दिल्ली की हवा में घुला ‘जहर’, AQI 400 पार, प्राइमरी स्कूलों में दो दिन की छुट्टी

दिल्ली की हवा में घुला ‘जहर’, AQI 400 पार, प्राइमरी स्कूलों में दो दिन की छुट्टी

दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक हो गया है, गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांत का लेवल 392 रहा, कई इलाके ऐसे रहे जहां ये स्तर 400 का आंकड़ा पार कर गया. विशेषज्ञों के मुताबिक अगले 15 दिन तक दिल्ली में ऐसे ही हालात रहने की संभावना है. फिलहाल यहां सभी निर्माण कार्यों पर बैन लगा दिया गया है. इसके अलावा बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों को भी बैन कर दिया गया है.

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण आफत बनता जा रहा है. पराली जलाने की घटनाओं और मौसम के बदलाव के बीच गुरुवार को दिल्ली धुंध के आगोश में रही. सूरज भी धुंध के पीछे छिपा नजर आया. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को ददिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 392 दर्ज किया गया. हालांकि कई इलाके ऐसे भी रहे जहां AQI लेबल 400 पार कर गया. वैज्ञानिकों ने अगले दो सप्ताह तक लगातार प्रदूषण के हालात खराब होने की आशंका जताई है. चिकित्सकों ने जरूरत होने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी है. लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सीएम अरविंंद केजरीवाल ने प्राइमरी स्कूलों को दो दिन बंद रखने के आदेश दिए हैं.

गुरुवार की सुबह धुंध की चादर के साथ हुई. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक धुंध की तीव्रता की वजह से गुरुवार को दृश्यता घटकर महज 500 मीटर रह गई थी. सफदरजंग वेधशाला के मुताबिक तापमान बढ़ने के बाद यह 800 मीटर हुई. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को पंजाबी बाग का AQI 439, द्वारका सेक्टर-8 का 420, जहांगीरपुरी का 403, रोहिणी 422, नरेला का 422, वजीरपुर का 406, बवाना का 432 और आनंदविहार का सबसे ज्यादा 452 रहा. जो गंभीर स्थिति है.

दिल्ली में स्कूल बंद,निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध

दिल्ली का AQI 392 पर पहुंच गया है. इसका कारण मानसून के बाद बारिश न होना बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि प्रदूषण 400 का आंकड़ा पार करते ही यहां GRAP 3 लागू कर दिया जाएगा. फिलहाल लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्राइमरी स्कूलों को दिन बंद के लिए बंद कर दिया गया है, सीएम अरविंंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर यह जानकारी दी है. इसके अलावादिल्ली NCR में आपातकालीन सेवाओं, सरकारी निर्माण कार्यों और सामरिक महत्व के निर्माण कार्यों के अलावा सभी तरह के कंस्ट्रक्शन पर बैन लगा दिया गया है. इसके अलावा बीएस 3 पेट्रोल और बीएस4 डीजल वाहनों पर भी बैन लगा दिया गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी एक दिन पहले कहा था कि जिन क्षेत्रों में एक्यूआई पांच दिन से 400 अंक से अधिक दर्ज किया गया है वहां सरकार निर्माण कार्यों पर रोक लगाएगी. इसके अलावा सरकार ने रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ की शुरुआत की गई है, सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने के लिए 1000 निजी सीएनजी बसें किराए पर लेने की योजना बनाई गई है.

मरीजों की जान के लिए खतरा

दिल्ली में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण अस्थमा और फेफड़ों की बीमारियों से संबंधित मरीजों के लिए बड़ा खतरा है. इसके अलावा बच्चों और बुजुर्ग को भी प्रदूषण की वजह से परेशानी बढ़ सकती है. डब्ल्यूएचओ की एक रिसर्च के मुताबिक प्रदूषण हवा के संपर्क में आने वाले प्रीमैच्योर डिलीवरी की समस्या बढ़ जाती है. यह न्यूरो डेवलपमेंट पर भी नकारात्मक असर डालता है, जो कैसर का कारण भी बन सकता है. इसके अलावा हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के विकसित होने का खतरा रहता है. सफदरजंग अस्पताल में मेडिसिन विभाग के प्रमुख जुगल किशोर ने बढ़ते प्रदूषण पर लोगों को अस्थमा और सांस संबंधी समस्याओं के लिए नियमित दवाएं लेने की सलाह दी है. इसके अलावा लोगों से बहुत जरूरी होने पर ही बाहर जाने को कहा.

15 नवंबर तक ऐसे ही रहेंगे हालात

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के एक विश्लेषण के मुताबिक दिल्ली में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण के यही हालात रहेंगे. दरअसल यही वो वक्त होता है जब हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ते हैं. पंजाब सरकार का लक्ष्य इस साल सर्दियों में पराली जलाने के मामलों में 50 प्रतिशत कमी लाई जाए. छह जिले होशियारपुर, मलेरकोटला, पठानकोन, रूपनगर मोहाली और एसबीएस नगर में इसे पूरी तरह खत्म करने की तैयारी है.