धीरे-धीरे एक्शन में आ रहे पीएम मोदी, इजराइल-हमास की जंग का निकालेंगे रास्ता?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजराइल-हमास की जंग में शांति स्थापित कराने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. पहले इजराइल, फिर फिलिस्तीन और अब जॉर्डन के किंग से बात की है. जॉर्डन इजराइल का एक करीबी अरब मुल्क है. पीएम मोदी ने किंग से बातचीत में आतंकवाद, हिंसा को कम करने और नागरिकों की जान बचाने पर जोर दिया.
इजराइल-हमास की जंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खासा नजर बनाए हुए हैं. गाजा को मानवीय मदद भेजने के बाद अब उन्होंने जॉर्डन के किंग से बात की है. पीएम ने इजराइल पर हमास के हमले को “आतंकी हमला” बताया तो गाजा के अस्पताल पर हुए हमले की खुली आलोचना भी की. उन्होंने हमास हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की तो अस्पताल पर मिसाइल हमले के बाद फिलिस्तीनी नेता महमूद अब्बास को भी फोन किया. प्रधानमंत्री का रुख स्पष्ट है आतंकवाद की आलोचना और शांति का समर्थन करना.
जॉर्डन किंग के साथ अपनी चर्चा के दौरान, पीएम मोदी ने सुरक्षा और मानवीय संकट को तेजी से हल करने के लिए ठोस कोशिश करने पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने बताया कि जॉर्डन किंग अब्दुल्लाह द्वितीय के साथ उन्होंने बातचीत में आतंकवाद-हिंसा को कम करने और नागरिकों की जान बचाने पर जोर दिया. पीएम मोदी की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान है. दुनिया के नेता उनके साथ सेल्फी लेने के लिए उत्सुक होते हैं. युद्ध के बीच सऊदी अरब ने तो हमास को भारत से सीख लेने तक की सलाह दी. सऊदी के पूर्व इंटेलिजेंस चीफ ने कहा कि वह फिलिस्तीन में मिलिट्री ऑप्शन का समर्थन नहीं करते. उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन का हवाला दिया जिसने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य को उखाड़ फेंका.
पीएम मोदी की मानवीय संकट को दूर करने की अपील
किंग अब्दुल्ला द्वितीय के साथ प्रधानमंत्री की बातचीत शांति के मुद्दे पर भारत के स्पष्ट रुख का संकेत है. भारत की सभी पक्षों से युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान खोजने की अपील है. किंग अब्दुल्ला द्वितीय जैसे ग्लोबल लीडर के साथ बातचीत करके प्रधानमंत्री मोदी मानवीय संकट को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है. सोशल मीडिया पर भी प्रधानमंत्री युद्ध में शांति स्थापित करने को लेकर काफी वोकल हैं. उनके हमास हमले पर ट्वीट को लेकर एक कन्फ्यूजन सी पैदा हुई थी लेकिन अब रुख स्पष्ट है कि भारतीय पीएम आतंकवाद के सख्त खिलाफ हैं.
Spoke with His Majesty @KingAbdullahII of Jordan. Exchanged views on the developments in the West Asia region. We share concerns regarding terrorism, violence and loss of civilian lives. Concerted efforts needed for early resolution of the security and humanitarian situation.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 23, 2023
पीएम मोदी ने इजराइल-फिलिस्तीन को अलग-अलग साधा
इजराइल-फिलिस्तीन के मुद्दे पर भारत के रुख में समय-समय पर बदलाव देखे गए हैं. मसलन, इजराइल के बनने के बाद भारत का उसको मान्यता देना, फिलिस्तीन को भी साधते हुए चलना और फिर दोनों देशों को अलग-अलग तरजीह देना कुछ जरूरी बदलावों में हैं. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत के इजराइल को लेकर रुख और बदले हैं. 2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम ने इजराइल-फिलिस्तीन दोनों देशों की अलग-अलग यात्राएं की हैं, जो भारत की नीतियों में एक महत्वपूर्ण बदलाव है.
Spoke to the President of the Palestinian Authority H.E. Mahmoud Abbas. Conveyed my condolences at the loss of civilian lives at the Al Ahli Hospital in Gaza. We will continue to send humanitarian assistance for the Palestinian people. Shared our deep concern at the terrorism,
— Narendra Modi (@narendramodi) October 19, 2023
प्रधानमंत्री कहते हैं युद्ध कोई समाधान नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शांति की अपील उनके इस विश्वास पर आधारित है कि युद्ध कोई समाधान नहीं है और शांतिपूर्ण बातचीत ही आगे बढ़ने का रास्ता है. वह अपने कई भाषणों में इस बात की चर्चा कर चुके हैं. पीएम ने अपने अमेरिका दौरे पर एक बहुत जरूरी बात कही थी, वो ये कि यूक्रेन संघर्ष के साथ यूरोप में युद्ध लौट आया है और इस बात पर जोर दिया कि यह युद्ध का नहीं बल्कि बातचीत और कूटनीति का युग है. पीएम मोदी ने युद्ध के कारण होने वाले दर्द और पीड़ा को वह बहुत गंभीर मुद्दा मानते हैं और युद्ध के गंभीर परिणामों से चिंतित रहते हैं. रूस के साथ भारत के मजबूत संबंधों के बावजूद, पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत रूस-यूक्रेन में शांति के पक्ष में है.