गाय की पूजा से पूरी होगी हर मनोकामना और कटेंगे सारे कष्ट, जानें कैसे?
जिस गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना गया है, उसकी पूजा विधि और उससे होने वाले धार्मिक एवं ज्योतिषीय लाभ जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी पर्व के रूप में जाना जाता है. इस पावन पर्व पर गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विधान है. सनातन परंपरा में गाय के बारे में मान्यता है कि उसे शरीर में 33 कोटि देवी-देवता निवास करते हैं और जिस घर में गाय रहती है, उस घर के सारे दोष दूर हो जाते हैं. उस घर के आस-पास भी दु:ख-दुर्भाग्य नहीं फटकते हैं. गोपाष्टमी का पावन पर्व भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा समेत देश के तमाम हिस्सों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. आइए आज गोपाष्टमी के पावन पर्व पर गाय की पूजा और उसकी सेवा के बड़े लाभ जानते हैं.
गोपाष्टमी पर कैसे करें गाय की पूजा
आज गोपाष्टमी पर गोमाता का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे पहले स्वयं स्नान करके पवित्र हो जाएं और उसके बाद यदि आपके घर में गाय हो तो उसे या फिर किसी गोशाला में जाकर गाय को नहलाएं और गोशाला की साफ-सफाई में सहयोग करें. गाय को स्नान कराने के बाद उन्हें वस्त्र-आभूषण आदि से सुसज्जित करके पकवान खिलाएं और उनकी धूप-दीप आदि से पूजा करें. गोमाता के साथ आज भगवान श्री कृष्ण की पूजा करना बिल्कुल न भूलें.
गाय की पूजा का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में गाय को मां के समान माना गया है. जिनकी सेवा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. पुराणाें के अनुसार गाय के शरीर में तीनों लोक के देवी-देवता निवस करते हैं. यही कारण है कि भगवान श्रीकृष्ण को गाय से बहुत ज्यादा लगाव था. मान्यता है कि जिस स्थान पर गाय रहती है, वहां नकारात्मक उर्जा फटक भी नहीं पाती है और उस स्थान के सभी दोष दूर हो जाते हैं. सनातन परंपरा में गाय से जुड़ी सभी चीजें जैसे दूध, दही, घी, गोमूत्र, गोबर आदि का पूजा के लिए प्रयोग अत्यंत ही शुभ माना गया है.
गाय की पूजा का ज्योतिषीय महत्व
गाय की पूजा एवं सेवा का न सिर्फ धार्मिक बल्कि ज्योतिषीय महत्व भी है. ज्योतिष के अनुसार जीवन से जुड़े नवग्रहों की शांति के लिए गोपूजा और गोसवा अत्यंत ही लाभदायी मानी गई है. ज्योतिष के अनुसार कुंडली में स्थित ग्रहों के दोष के अनुसार ही व्यक्ति को गाय की सेवा और पूजा करनी चाहिए. जैसे यदि आपकी कुंडली में मंगल से संबंधित दोष है तो आपको लाल रंग की और शनि संबंधी दोष है तो काली रंग की गाय की पूजा एवं सेवा करनी चाहिए. वास्तु के अनुसार जिस घर में गाय होती है, उस घर से जुड़े सभी वास्तु दोष का शमन हो जाता है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)