5 साल की उम्र में बिछड़े दो बेटे, बन रहा था आधार कार्ड और….10 साल बाद मिले कलेजे के टुकड़े

5 साल की उम्र में बिछड़े दो बेटे, बन रहा था आधार कार्ड और….10 साल बाद मिले कलेजे के टुकड़े

तेलंगाना के एक अनाथालय में 10 साल से रह रहे दो बच्चों को आखिरकार उनके मां बाप मिल गए हैं. इन दोनों बच्चों के मां बाप की तलाश उनके आधार कार्ड की वजह से हो सकी है. दरअसल इन बच्चों का पहले से आधार कार्ड बना था. जब अनाथालय में इनके आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो इसकी जानकारी हुई है.

हैदराबाद के एक अनाथालय में 10 साल से लावारिश हालत में रह रहे दो बच्चों को उनके मां-बाप मिल गए हैं. ये उनके असली-बाप हैं. महज 5 साल की उम्र में यह दोनों बच्चे अपने मां-बाप से बिछड़ गए थे. तब से ये दोनों अनाथालय में रहकर जीवन बसर कर रहे थे. यहां रहने के दौरान अनाथालाय प्रबंधन ने इनके आधार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की तो पता चला कि इन दोनों ना केवल सगे भाई हैं, बल्कि इनके माता-पिता भी हैं.

अनाथालय प्रबंधन के मुताबिक तेलंगाना में पालनाडु के कोट्टप्पाकोंडा में रहने वाले दंपति नागेंद्र और श्रीनु के दो बच्चे राजू और इमैनुएल हैं. ये दोनों ही मानसिक विक्षिप्त हैं. बालों का व्यवसाय करने वाले नागेंद्र के ये दोनों बेटे दस साल पहले एक दिन रोने लगे तो उनकी पत्नी ने पास की दुकान से कुछ खरीद कर खा लेने के लिए पैसे दिए और बाहर भेज दिया, लेकिन यह दोनों बच्चे रास्ता भटक गए. फिर किसी ने इन्हें लावारिश भटकते देखकर अनाथालय पहुंचा दिया.

माता-पिता ने खो दी थी उम्मीद

इधर, अपने बच्चों की तलाश करते थक चुके नागेंद्र और उनकी पत्नी ने अपने कलेजे के टुकड़ों की वापसी की उम्मीद ही खो दी. इसी बीच अनाथालय में रह रहे बच्चों के आधार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की गई. इस दौरान जैसे ही इन दोनों बच्चों की फिंगर प्रिंट स्कैन किया गया, पता चला कि इन दोनों के आधार कार्ड पहले से बने हुए हैं. इस जानकारी के सामने आने के बाद अनाथालय प्रबंधन ने इन बच्चों के पते निकलवाए. इसमें पता चला कि दोनों सगे भाई हैं.

10 साल बाद हुई बच्चों की घर वापसी

इसके बाद आधार दिए गए मोबाइल नंबर के आधार पर अनाथालय प्रबंधन ने इन बच्चों के माता पिता को सूचना दी. बच्चों के पिता ने बताया कि अनाथालय प्रबंधन की सूचना पर एक बार तो उन्हें भरोसा ही नहीं हुआ. बावजूद इसके, उन्होंने कहा कि एक बार अनाथालय जाकर देख लेने में कोई बुराई नहीं है. इसके बाद दोनों पति पत्नी अनाथालय पहुंचे. वहां जैसे ही उनका अपने दोनों बच्चों से आमना सामना हुआ, चारों लोग अवाक रह गए. इसके बाद जरूरी औपचारिकताओं को पूरा कराने के बाद नागेंद्र अपने बच्चों को लेकर घर लौटे हैं.