संभल के तीर्थ स्थलों को जानेगी दुनिया! कल्कि देवतीर्थ समिति का गठन, पतंजलि के साथ MoU साइन

संभल के तीर्थ स्थलों को जानेगी दुनिया! कल्कि देवतीर्थ समिति का गठन, पतंजलि के साथ MoU साइन

कल्कि देवतीर्थ समिति से सभी तीर्थ एवं ऐतिहासिक स्थलों के विकास के साथ ही संभल को तीर्थ नगरी घोषित कराने में मदद मिलने की उम्मीद है. इसके लिए ही संभल कल्कि देव तीर्थ समिति की स्थापना की गई है. वहीं शनिवार को समिति की पहली बैठक की गई.

संभल के तीर्थों और ऐतिहासिक स्थलों के विकास एवं संरक्षण के लिए जिलाधिकारी (डीएम) ने बड़ी पहल की है. जिसमें धरोहरों को संरक्षित करने के लिए लगातार काम कर रहे तीर्थों के विकास और संरक्षण को लेकर संभल कल्कि देवतीर्थ समिति का गठन किया है. वहीं पतंजलि यूनिवर्सिटी और रिसर्च फाउंडेशन के साथ एमओयू भी साइन हुआ है.

दरअसल संभल के तहसील सभागार में डीएम-एसपी की मौजूदगी में आठ सदस्यों की संभल कल्कि देवतीर्थ समिति का गठन हुआ. शुरु में समिति में आठ सदस्य हैं. इसकी अनुमति से बाद में और सदस्य बनाए जाएंगे.

तीर्थों का विकास और संरक्षण

समिति के माध्यम से संभल के सभी तीर्थों का एक ही बैनर तले विकास और संरक्षण होना तय हुआ है. वहीं ऐतिहासिक स्थलों को भी समिति काम करेगी. पतंजलि यूनिवर्सिटी और रिसर्च फाउंडेशन संभल के इतिहास लेखन का काम करेगा.

संभल को तीर्थ नगरी करेंगे घोषित

समिति के माध्यम से सभी तीर्थ एवं ऐतिहासिक स्थलों के विकास के साथ ही संभल को तीर्थ नगरी घोषित कराने में मदद मिलने की उम्मीद है. इसके लिए संभल कल्कि देव तीर्थ समिति की स्थापना की गई है. वहीं शनिवार को समिति की पहली बैठक की गई. इसमें मूल आठ सदस्य हैं, साथ ही संभल शहर के संभ्रांत नागरिक और संतों को भी इसका सदस्य बनाया गया है.

संभल के 87 तीर्थ और 5 महातीर्थ

उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य संभल के जो 87 तीर्थ और 5 महातीर्थ हैं, इन सभी को एक साथ लेकर इसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व पर योजना और रणनीति बनाना है. ताकि इन सभी का संरक्षण और सुरक्षा किया जा सके. फिलहाल तीर्थों के एक साथ विकास और संरक्षण के लिए जिला प्रशासन का ये बड़ा कदम माना जा रहा है.