महाराष्ट्र: BJP ने मराठा फेस रवींद्र चव्हाण पर क्यों जताया भरोसा? जानें पूरा सफर

महाराष्ट्र: BJP ने मराठा फेस रवींद्र चव्हाण पर क्यों जताया भरोसा? जानें पूरा सफर

रवींद्र चव्हाण ने कहा था कि बीजेपी हमारी असली पहचान है और मंत्री पद से ज्यादा जरूरी पार्टी की संगठनात्मक ताकत को बढ़ाना है. तो इससे फर्क नहीं पड़ता कि मैं मंत्री बना या नहीं. मैं अपनी पार्टी के लिए पूरी ईमानदारी से काम करता रहूंगा.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को महाराष्ट्र में बड़ा संगठनात्मक बदलाव करते हुए पूर्व मंत्री रवींद्र चव्हाण को राज्य बीजेपी का नया कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. यह कदम तब उठाया गया है जब निवर्तमान चंद्रशेखर बावनकुले को महाराष्ट्र में महायुति 2.0 सरकार में मंत्री नियुक्त किया गया है. रवींद्र चव्हाण महायुति सरकार के पहले कार्यकाल में लोक निर्माण मंत्री थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रवींद्र चव्हाण देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं, जबकि आरएसएस ने उनके लिए पूरा जोर लगा दिया. बीजेपी ने प्रेस रिलीज जारी कर रविंद्र चव्हाण की नियुक्ति का ऐलान किया.

बावनकुले की जगह लेंगे रवींद्र चव्हाण

बता दें कि पहले बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान विधानसभा के शीतकालीन सत्र के खत्म होने के बाद होना था. हालांकि मंत्रियों के विभाग बंटने के बाद शनिवार को इसका ऐलान कर दिया गया. महाराष्ट्र में पार्टी संगठन के चुनाव से पहले ही कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर रवींद्र चव्हाण का ऐलान कर दिया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि अब रवींद्र चव्हाण ही चंद्रशेखर बावनकुले की जगह लेंगे.

2024 के विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता

दरअसल 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चंद्रशेखर बावनकुले को टिकट नहीं दिया था, जिसकी वजह से विदर्भ में बीजेपी को झटका लगा. वहीं राज्य में सत्ता का समीकरण बदलने पर विदर्भ के मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए चंद्रशेखऱ बावनकुले को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया. जिसके बाद बावनकुले के नेतृत्व में बीजेपी को 2024 के विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिली.

फडणवीस कैबिनेट में नहीं मिली जगह

हालांकि इसके बाद भी बावनकुले को कैबिनेट में जगह नहीं मिली. क्योंकि तब तक तय नहीं थी कि उनकी जगह किसे प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए. वहीं इस पर चर्चा शुरू होते ही रवींद्र चव्हाण का नाम सामने आया और अब पार्टी ने मुहर लगा दी है. बता दें कि रवींद्र चव्हाण मराठा चेहरा हैं और संगठन में अब तक उनका प्रदर्शन शानदार रहा है. वह कोंकण इलाके से आते हैं. इसको देखते हुए बीजेपी आलाकमान ने रवींद्र चव्हाण को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी.

बीजेपी हमारी असली पहचान

फडणवीस कैबिनेट में शामिल नहीं होने पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए रवींद्र चव्हाण ने कहा कि बीजेपी हमारी असली पहचान है और मंत्री पद से ज्यादा जरुरी पार्टी की संगठनात्मक ताकत को बढ़ाना है. तो इससे फर्क नहीं पड़ता कि मै मंत्री बना या नहीं. मैं अपनी पार्टी के लिए पूरी ईमानदारी से काम करता रहूंगा.

डोंबिवली से लगातार चार बार विधायक

रविंद्र चव्हाण डोंबिवली से लगातार चार बार से विधायक निर्वाचित होते रहे हैं. बता दें कि साल 2017 में महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार थी. उस समय कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका के चुनाव में शिवसेना और बीजेपी ने आमने-सामने चुनाव लड़ा था. इसमें बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ा और शिवसेना को हराया. जिसके बाद डोंबिवली में अपना मेयर बनाया. इस चुनाव की अगुवाई रविंद्र चव्हाण ने की थी.

रवींद्र चव्हाण की अहम भूमिका

वहीं लोकसभा चुनाव में माना जाता था कि कोंकण में शिवसेना (उद्धव गुट) का प्रभाव है. इस चुनाव में रवींद्र चव्हाण के पास इस सीट की जिम्मेदारी थी. शिवसेना (शिंदे गुट) भी यहां से चुनाव लड़ना चाहता था. लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं था मगर रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट पर नारायण राणे को जिताने में रवींद्र चव्हाण कामयाब रहे. आने वाले दिनों में निकाय के चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में रवींद्र चव्हाण अहम भूमिका निभा सकते हैं.

कैसा रहा राजनीतिक सफर

रवींद्र चव्हाण कल्याण के रहने वाले हैं. वह लगातार चार बार से मुंबई की डोंबिवली सीट से विधायक हैं. वहीं बीजेपी सरकार में लोक निर्माण विभाग समेत कई बड़े विभाग संभाल चुके हैं. रवींद्र चव्हाण काफी नीचे से उठकर ऊपर तक पहुंचे हैं. वह 2005 में कल्याण डोंबिवली नगर निगम के वार्ड संख्या 96 से पार्षद चुने गए थे, और यहीं से उनका सियासी सफर शुरू हुआ था. इसके बाद वह स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर बने. फिर 2009 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार विधायक चुने गए थे.