पहली बार महाकुंभ में होगा विधानमंडल का जॉइंट सेशन, योगी सरकार ने की तैयारी

पहली बार महाकुंभ में होगा विधानमंडल का जॉइंट सेशन, योगी सरकार ने की तैयारी

यूपी विधानसभा और विधानपरिषद सदस्यों के जॉइंट सेशन से जुड़े सभी तरह के इंतजाम करने के लिए सरकार ने अधिकारियों को आदेश दिया है. ये इस तरह का किसी भी महाकुंभ में पहला प्रयोग होगा. पिछली बार के कुंभ में योगी सरकार ने कैबिनेट मिटिंग का आयोजन मेला परिसर में किया था.

2025 महाकुंभ इस बार बेहद खास होने जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने पहली बार विधानसभा और विधान परिषद के सभी सदस्यों का जॉइंट सेशन कुंभ परिसर में आयोजित करने का मन बनाया है. इसको लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. बता दें, दोनों सदनों के सदस्यों को मिलाकर लगभग 500 से ज़्यादा सदस्य होते हैं. जिनके आने जाने से लेकर रुकने और सम्मेलन होने तक के सभी तरह के इंतजाम करने के लिए सरकार ने अधिकारियों को आदेश दिया है.

बता दें कि विधानसभा और विधानपरिषद के सभी सदस्यों के जॉइंट सेशन किसी भी महाकुंभ में पहला प्रयोग होगा. पिछली बार के कुंभ में योगी सरकार ने कैबिनेट मिटिंग का आयोजन मेला परिसर में किया था.

अधिकारियों को तैयारी करने का निर्देश जारी

दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानमंडल के दोनों सदनों के जॉइंट सेशन को लेकर संबंधित अधिकारियों को तैयारी करने का निर्देश दे दिया है. वहीं अब 2019 के कुंभ के दौरान हुई कैबिनेट बैठक से भी बड़ा काम अधिकारियों के सामने दोनों सदनों की बैठक की व्यवस्था करना है. क्योंकि राज्य में विधानसभा के 403 और विधान परिषद के 100 सदस्य हैं.

दोनों सदनों में 500 से ज्यादा सदस्य

सूत्रों ने कहा कि सरकार जॉइंट सेशन आयोजित करके रिकॉर्ड बनाना चाहती है, जिसे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी संबोधित कर सकती हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों को व्यवस्थाओं पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि सेशन में शामिल होने वाले सदस्य संगम में स्नान भी करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों सदनों में 500 से ज्यादा सदस्य हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा और आवास जैसे व्यवस्थाओं का ध्यान रखना होगा. सरकार राष्ट्रपति मुर्मू को भी जॉइंट सेशन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित कर सकती है.

5 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद

बतादें कि 14 जनवरी (मकर संक्रांति) और 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को भीड़ मैनेजमेंट के लिए शाही स्नान के लिए तारीखों को दो या तीन शाही स्नानों के बीच अंतिम रूप दिया जा रहा है. क्योंकि शाही स्नान के दिन 5 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है. अधिकारी ने दावा किया हालांकि तारीखों पर अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है, लेकिन यह जनवरी के तीसरे हफ्ते में होने की संभावना है.