बेलगावी कांड: कर्नाटक हाई कोर्ट ने पीड़ित महिला से आगंतुकों के मिलने पर लगाई रोक

बेलगावी कांड: कर्नाटक हाई कोर्ट ने पीड़ित महिला से आगंतुकों के मिलने पर लगाई रोक

कर्नाटक के बेलगावी में एक महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने और उसकी पिटाई करने के मामले में राज्य की सिद्धारमैया सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है. अब शनिवार को हाई कोर्ट ने पीड़ित महिला से आगंतुकों की मीटिंग पर रोक लगा दी है.

कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेलगावी हमले की पीड़िता से आगंतुकों के मिलने पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने कहा है कि महिला जिस आघात से गुजर रही है कि उसको ध्यान में रखते हुए लोगों के उससे मिलने पर रोक लगाई जानी चाहिए. इन परिस्थितियों में पीड़िता से मिलने के लिए लोगों का अस्पताल जाना असामान्य नहीं है.

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वारले ने शनिवार को अपने आदेश में कहा कि इन परिस्थितियों में पीड़िता से मिलने के लिए लोगों का अस्पताल जाना असामान्य नहीं है. यह अदालत आमतौर पर किसी भी व्यक्ति की आवाजाही की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं करना चाहेगा.

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कोर्ट ने आगे कहा, हालांकि, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि पीड़ित को असहनीय आघात का सामना करना पड़ा है, हमारी राय है कि आगंतुकों के आने से पीड़िता की स्वास्थ्य स्थिति प्रभावित हो सकती है और इलाज में बाधा उत्पन्न हो सकती है. इसलिए पीड़िता से आगंतुकों के मिलने पर रोक लगाई जाती है.

निर्वस्त्र कर घुमाया

बता दें कि 11 दिसंबर को बेलगावी के वंतामुरी गांव में बेटे की ओर से आदिवासी समुदाय की लड़की को लेकर भाग जाने के बाद कुछ लोगों द्वारा उसकी मां को एक खंभे से बांधने और निर्वस्त्र करके घुमाने की घटना सामने आई थी. पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

बीजेपी ने गठित की पांच सदस्यी समिति

घटना के बाद बीजेपी ने पांच सदस्यी समिति का गठन किया है. इस समिति में पार्टी की महिला सांसद अपराजिता सारंगी, सुनीता दुग्गल, लॉकेट चटर्जी व अन्य शामिल हैं. समिति की सदस्य मामले से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए शनिवार को कर्नाटक के बेलगावी पहुंचीं थीं.

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