सरकारी टीचर ने किया ‘मौत’ का एक्सपेरिमेंट… करना खुद था सुसाइड, चली गई तीन बेगुनाहों की जान

गुजरात में एक शख्स सुसाइड करना चाहता था, ताकि उसके बीमा की राशि परिवार को मिल जाए. लेकिन इससे पहले उसने मौत का एक्सपेरिमेंट किया, जिसका खामियाजा तीन लोगों को अपनी जान चुकाकर भरना पड़ा.
गुजरात के खेड़ा में 9 फरवरी के दिन तीन लोगों की मौत रहस्यमयी तरीके से हो गई थी. पुलिस ने अब इस केस को सुलझा लिया है. यह सारी प्लानिंग एक सरकारी टीचर ने की थी. वो मौत का एक्सपेरिमेंट करना चाहता था. लेकिन उसके इस एक्सपेरिमेंट का शिकार वो तीन लोग हो गए, जो उस टीचर के दोस्त थे. मामला नडियाद इलाके का है. पुलिस ने जब आरोपी टीचर हरिकिशन मकवाना को गिरफ्तार किया तो सारे राज से पर्दा उठ गया.
हरिकिशन ने बताया- आत्महत्या के प्रयोग के लिए उसने अपने मूक-बधिर पड़ोसी कनुभाई चौहान को जहर दिया. लेकिन इसकी वजह से दो अन्य निर्दोषों की भी जान चली गई. दरअसल, 9 फरवरी की शाम नडियाद के जवाहरनगर इलाके में कनुभाई धनाभाई चौहान (54), योगेश गंगाराम कुशवाह (40) और रविंद्रभाई जीनाभाई राठौड़ (49) की एक साथ मौत से हड़कंप मच गया था.
प्रारंभिक जांच में पुलिस को संदेह हुआ कि जीरा सोडा में नशीला पदार्थ मिलाया गया था. शुरुआत में इसे लठ्ठाकांड माना गया, लेकिन FSL रिपोर्ट में मिथाइल अल्कोहल की गैर मौजूदगी से यह थ्योरी खारिज हो गई. 27 फरवरी को हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच तेज की. इसी बीच, कुछ चश्मदीदों से बातचीत के आधार पर पुलिस ने मृतक कनुभाई के पड़ोसी हरिकिशन मकवाना (44) से पूछताछ की.
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मकवाना ने कबूल किया कि वह तनाव और अदालती मामलों से परेशान था. वह आत्महत्या करना चाहता था, लेकिन ‘कॉज ऑफ डेथ’ यानी मृत्यु का कारण सुसाइड न आए, और उसके बीमा की राशि परिवार को मिल जाए, इसलिए उसने एक्सपेरिमेंट की प्लानिंग बनाई. इसके लिए उसने अमेजन ऐप से ‘सोडियम नाइट्राइट’ मंगवाया, लेकिन पत्नी को पता चलने पर उसने ज्यादातर पाउडर नष्ट कर दिया. फिर भी कुछ पाउडर छिपाकर रख लिया और इसका प्रयोग अपने मूक-बधिर पड़ोसी कनुभाई पर किया, ताकि वह बच भी जाए तो कुछ न बता सके.
दो दोस्तों से किया शेयर
9 फरवरी को हरिकिशन ने कनुभाई को जीरा सोडा की बोतल में सोडियम नाइट्राइट मिलाकर दिया. कनुभाई ने इसे योगेश और रविंद्र के साथ बांट लिया, क्योंकि वह हमेशा अपने दोस्तों से खाना-पीना शेयर करता था. तीनों ने इसे पीया और कुछ ही देर में उनकी तबीयत बिगड़ गई. सभी की मौत हृदय गति रुकने से हुई.
25 लाख का बीमा
पुलिस ने बताया कि हरिकिशन ने यह एक्सपेरिमेंट यह जानने के लिए किया कि उसकी आत्महत्या को दुर्घटना या हत्या माना जाए, ताकि परिवार को 25 लाख रुपए की बीमा राशि मिल सके. हरिकिशन ने कहा- मेरे दो बच्चे भी हैं. मैं चाहता था कि खुद सुसाइड कर लूं और मेरा बीमा जोकि 25 लाख का था, वो मेरी फैमिली को मिल जाए.