बर्फीले रेगिस्तान…लद्दाख में यारकंदी ऊंट बन रहा सेना की ताकत?

बर्फीले रेगिस्तान…लद्दाख में यारकंदी ऊंट बन रहा सेना की ताकत?

लद्दाख में सेना यारकंदी ऊंट का दुश्मनों पर नजर रखने के लिए भी इस्तेमाल कर रही है. यह डबल हंप कैमल 200 किलो का वजन उठाने की क्षमता रखता है.यह ऊंट बिना कुछ खाए पिए करीब तीन दिन तक रह सकता है.

केंद्र प्रशासित प्रदेश लद्दाख में सेना यारकंदी ऊंट से दोहरा लाभ उठा रही हैं. सेना जहां इस ऊंट का इस्तेमाल अपने साजो सामान को एक जगह से दूसरी जगह लेने में कर रही हैं. वहीं इस ऊंट को दुश्मन पर कड़ी नजर रखने की गरज से पेट्रोलिंग फ्लीड में भी इस्तेमाल किया जा रहा हैं.

यारकंदी ऊंट भारत में केवल लद्दाख की नुब्रा घाटी में पाया जाता हैं और इस ऊंट की पीठ पर एक कूबड़ के बजाए दो कूबड़(Double Hump) होते है. इसको बैक्टरेन ऊंट या मंगोलियन ऊंट भी कहा जाता हैं. वहीं आम तौर पे इसको डबल हम्पेड ऊंट कहा जाता हैं और इसका इस्तेमाल सेना ईस्टर्न लद्दाख में किया जा रहा हैं.

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इस ऊंट की विशेषता

सेना ने साल 2013 में करीब 10 डबल हंप ऊंट लिए थे. सैन्य अधिकारियों ने इस ऊंट की विशेषता बताते हुए कहा था कि डबल हंप कैमल 200 किलो का वजन उठाने की क्षमता रखता है. साथ ही इस बोझ को आसानी से लद्दाख की बर्फीली पहाड़ियां जो समुद्र की सतह से 17000 फीट की ऊंचाई पर हैं वहां तक पहुंच सकता है. यह ऊंट बिना कुछ खाए पिए करीब तीन दिन तक रह सकता है. डिफेंस इंस्टीट्यूट लेह ने इन ऊंटों पे पूरे रिसर्च के बाद सेना में लिया गया है. इस से लाभ उठाने का फैसला किया था और कुछ ऊंटों का सेना ने पालन पोषण और ट्रेंन भी किया गया है.

यारकंदी ऊंट का साधारण ऊंट की तुलना में कद में छोटा होता है, इसकी वजह से पहाड़ियों पर इसके गिरने का खतरा कम होता हैं. डबल हम्प की वजह से यह पानी ज्यादा जमा रख सकते हैं. लद्दाख की नुब्रा घाटी में सर्दियों में औसत तापमान माइनस 6°C से माइनस 16°C तक लुढ़क जाता हैं ऐसी स्थिति में भी यह ऊंट जिंदा रह सकता है. कई बार गाड़ियों में डीजल भी जम जाता हैं ऐसे में ऊंट सेना के बहुत काम आता है.

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कितना होता है वजन?

यारकंदी ऊंट के पैर रेत के साथ-साथ जमी बर्फ पर भी चलने के सझम हैं. आईसीऐआर के रिसर्च ऑन कैमल प्रोग्राम के अनुसार यह ऊंट के कूबड़ मोटे और लचीले होते हैं. खोपड़ी की हड्डी ड्रोमेडरी ऊंट की तुलना में छोटी और चौड़ी होती है. ऊँट का शरीर छोटा और मोटा होता है. शरीर का रंग हल्के भूरे से गहरे भूरे तक भिन्न होता है. शरीर का वजन 450 से 550 किलोग्राम तक होता है.