MP: डॉक्टर ने पोस्टमार्टम के बदले मांगे 40 हजार, लोकायुक्त ने पकड़ा तो बोला- फंसाया गया… फिर सबूत देख हुआ चुप
एमपी के इंदौर में लोकायुक्त पुलिस ने एक डॉक्टर को पकड़ा है. आरोपी डॉक्टर ने एक मृतक के पोस्टमार्टम करने के लिए परिजनों से 40 हजार रुपये की मांग की थी. डॉक्टर की मांग पूरी करने के लिए घर की महिलाओं ने अपने जेवर तक गिरवी रख दिए थे.
मध्य प्रदेश के इंदौर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक शख्स की पानी में डूबने की वजह से मौत हो गई. मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. वहां पर मेडिकल ऑफिस ने पोस्टमार्टम के बदले 40 हजार रुपये की डिमांड रख दी. मृतक के परिजनों ने इसकी शिकायत इंदर में लोकायुक्त से कर दी. लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को पकड़ा तो वह चिल्लाने लगा कि उसे फंसाया जा रहा है. हालांकि बाद में जब उसे फोन रिकॉर्डिंग सुनाई गई तो वह शांत हो गया.
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला झाबुआ के कल्लीपुरा का है. जहां दिनेश मकवाना नाम के शख्स ने इंदौर के लोकायुक्त पुलिस से कल्याणपुरा के मेडिकल अफसर डॉ. अर्पित कुमार की शिकायत कर दी. दिनेश ने शिकायत में बताया कि डॉक्टर अर्पित कुमार नायक उनके उनके चचेरे भाई के पोस्टमार्टम करने के बदले 40 हजार रुपये मांग रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि उनके चचेरे भाई रमेश पिता कालूसिंह की 29 अक्तूबर को डूबने से मौत हो गई थी.
पहले मांगे थे 50 हजार
रमेश की मौत के बाद उनके शव को कल्याणपुरा के सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र पर पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. जहां पर डॉक्टर अर्पित कुमार ने उनके परिजनों से कहा कि डूबने वाले शख्स के परिवार को सरकार की ओर से 4 लाख रुपये की मदद मिलती है. डॉक्टर अर्पित ने कहा कि वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत तभी लिखेंगे जब वह उन्हें 50 हजार रुपये देंगे. हालांकि बातचीत के बाद वह 40 हजार रुपये में मान गए. रमेश के घर की महिलाओं ने पैसों की व्यवस्था करने के लिए अपने घर के गहने तक गिरवी रख दिए थे.
लग गई थी शिकायत की भनक
दोनों के बीच लेनदेन को लेकर समझौता हो गया. डॉ. अर्पित ने कहा कि वह 15 दिन बाद पीएम रिपोर्ट देंगे. इसी बीच रमेश के परिजनों ने लोकायुक्त से शिकायत कर दी. इसके बाद जाल बिछाया गया. हालांकि डॉक्टर को शिकायत का शक हो गया था इसलिए परिजनों ने जब पैसे दिए तो उसने हाथ में नहीं लिए. इसी बीच लोकायुक्त पुलिस वहां पहुंची और आरोपी को पकड़ा तो वह चिल्लाने लगा कि उसे फंसाया जा रहा है. हालांकि जब लोकायुक्त ने आरोपी डॉक्टर को कॉल रिकॉर्डिंग सुनाई तो वह शांत हो गया. इसके बाद लोकायुक्त ने कार्रवाई की गई.