इंडियन इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर, दुनिया की बड़ी एजेंसी ने कही बड़ी राहत देने वाली बात

इंडियन इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर, दुनिया की बड़ी एजेंसी ने कही बड़ी राहत देने वाली बात

मूडीज एनालिटिक्स ने कहा है कि भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था इसकी ग्रोथ का मुख्य इंजन है, व्यापार नहीं. इसके अलावा उसने कहा है कि पिछले साल आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती केवल अस्थायी होगी.

मूडीज एनालिटिक्स ने कहा है कि भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था इसकी ग्रोथ का मुख्य इंजन है, व्यापार नहीं. इसके अलावा उसने कहा है कि पिछले साल आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती केवल अस्थायी होगी. सरकार की ओर से पिछले हफ्ते जारी डेटा में दिखा है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP की ग्रोथ घटकर अक्टूबर से दिसंबर 2022 के दौरान तीन तिमाही के सबसे निचले स्तर 4.4 फीसदी पर पहुंच गई है. इसके पीछे मुख्य वजह मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट और निजी खपत पर खर्ज कम होना है.

क्यों आई ग्रोथ में गिरावट?

जहां मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 1.1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. वहीं, निजी खपत पर खर्च मौजूदा वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में गिरावट के साथ 2.1 फीसदी रहा है. उभरते बाजार पर अपनी आउटलुक रिपोर्ट में मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि ग्रोथ एक साल पहले के मुकाबले काफी धीमी हुई है, निजी खपत से कुल जीडीपी 2021 की दूसरी तिमाही में डेल्टा वेव के अर्थव्यवस्था को झटका देने के बाद पहली बार इतनी कम रही है.

मूडीज ने आगे कहा कि पिछले साल के आखिर में आई आर्थिक सुस्ती अस्थायी होगी और इससे डिमांड से संबंधित कुछ दबावों को कम करने में मदद मिलेगी. बाहरी मार्चे पर, अमेरिका में बेहतर ग्रोथ और यूरोप की रिकवरी से भारत साल के मध्य वाले आंकड़े पर आ जाएगा.

मूडीज ने ग्रोथ अनुमान बढ़ाया था

इससे पहले मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 4.8 फीसदी से बढ़ाकर 5.5 फीसदी कर दिया. यह बढ़ोतरी बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर में तेज वृद्धि और बेहतर आर्थिक हालात के मद्देनजर की गई. मूडीज ने हालांकि 2022 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया. मूडीज ने वैश्विक व्यापक परिदृश्य 2023-24 के फरवरी के अपडेट में अमेरिका, कनाडा, यूरोप, भारत, रूस, मैक्सिको और तुर्किये सहित कई जी20 अर्थव्यवस्थाओं के लिए वृद्धि अनुमान को बढ़ाया है. वर्ष 2022 के मजबूत अंत के चलते यह बढ़ोतरी की गई.

मूडीज ने कहा कि भारत के मामले में, वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय के लिए आवंटन (जीडीपी का 3.3 प्रतिशत) में तेज बढ़ोतरी की गई. यह आंकड़ा बीते वित्त वर्ष के 7,500 अरब रुपये से बढ़कर 10,000 अरब रुपये हो गया है.