अडानी की डूबी हुई दौलत से खत्म हो जाती पाकिस्तान की कंगाली, खत्म हो जाती उधारी

अडानी की डूबी हुई दौलत से खत्म हो जाती पाकिस्तान की कंगाली, खत्म हो जाती उधारी

पाकिस्तान में कंगाली औऱ कर्ज का आलम यह है कि वहां रोजमर्रा की चीजें मसलन आटा, दाल . चावल, दूध दही जैसे सामानों की कीमत आसमान पर पहुंच चुकी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पर इस समय देश की जीडीपी का 70 फीसदी कर्ज है.

हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट और 30 दिन के अंदर अडानी की दौलत में लग गया तगड़ा सेंध. ये तो आप सब जानते हैं कि कैसे हिंडनबर्ग ने अडानी की कंपनी और उनके शेयरों का बुरा हाल कर दिया लेकिन इसे भी बुरा हाल हमारे पड़ोसी पाकिस्तान की हो चुकी है. आलम यह है कि पाकिस्तान तेजी से कंगाली की और दौड़ लगा रहा है. अब तो IMF और दूसरी एंजेसियों का कर्ज चुकाना भारी पड़ रहा है.

पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज लगभग 121.75 अरब अमेरिकी के पार जा चुका है. अब पाकिस्तान के सामने चुनौी है कि वो आखिर ये कर्ज चुकाएगा कैसे. वही अपने देश का एक अकेला बिजनेसमैन गौतम अडानी जिनकी इससे ज्यादा रकम तो 30 दिन के डूब चुके हैं. दरअसल जबसे हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई है तब से अडानी ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप करीब 132 अरब डॉलर गिर चुका है.

क्या है पाकिस्तान के मौजूदा हालात

पाकिस्तान में कंगाली औऱ कर्ज का आलम यह है कि वहां रोजमर्रा की चीजें मसलन आटा, दाल . चावल, दूध दही जैसे सामानों की कीमत आसमान पर पहुंच चुकी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पर इस समय देश की जीडीपी का 70 फीसदी कर्ज है. सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पाकिस्तान पर सरकारी लोन और दूसरी देनदारियां करीब 400 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये की हो चुकी हैं. केवल सरकारी क्षेत्र की कर्जों की बात करें तो यह आकंड़ां 2.3 लाख करोड़ रुपये बकाया है.

क्या है अडानी के मौजूदा हालात

फोर्ब्स के रिपोर्ट की मुताबिक अडानी ग्रुप की कंपनियों में 24 जनवरी के बाद से भारी गिरावट दर्ज की गई है. 24 जनवरी के बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप 132 अरब डालर गिर चुका है. वहीं अडानी ग्रुप के मुखिया गौतम अडानी की नेटवर्थ की बात करें तो यह जनवरी के पहले हफ्ते में 127 अरब डॉलर की थी जो अब घटकर 47 अरब डॉलर पर आ गई है. मतलब जितना अडानी ने 30 दिन के भीतर गंवा दिया उतने में तो पाकिस्तान का कर्ज उतर सकता था और वहां के कंगाल हालत में काफी हद तक राहत मिल सकती थी.