राजस्थान में रविन्द्र सिंह भाटी ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन, अब पीएम मोदी ने संभाली कमान
देश की दूसरी सबसे बड़ी लोकसभा सीट से रविंद्र सिंह भाटी के निर्दलीय चुनाव लड़ने के चलते मुकाबला बेहद रोचक को चला है. कहा जा रहा भाटी को बाड़मेर लोकसभा सीट से जबरदस्त समर्थन मिलता देख कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रमुख दलों की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 में 26 साल का एक लड़का निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गया है. राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर रवींद्र सिंह भाटी ने निर्दल उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कर दिया है. बताते चलें, विधानसभा चुनाव में भी भाटी निर्दलीय चुनाव लड़े और बाड़मेर जिले की ही शिव विधानसभा से विधायक बने.
देश की दूसरी सबसे बड़ी लोकसभा सीट से रविंद्र सिंह भाटी के निर्दलीय चुनाव लड़ने के चलते मुकाबला बेहद रोचक को चला है. कहा जा रहा भाटी को जबरदस्त समर्थन मिलता देख कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रमुख दलों की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. भाटी ने हाल ही में बाड़मेर जैसलमेर और बालोतरा में जन आशीर्वाद यात्रा निकाली थी इस दौरान उनकी इस यात्रा में जबरदस्त भीड़ उमड़ी थी. तब से कांग्रेस और भाजपा दोनों के चिंताएं बढ़ गई हैं.
भाजपा में हुए थे शामिल फिर भी निर्दलीय चुनाव लडे़
रविंद्र सिंह भाटी ने 2019 के छात्र संघ चुनाव में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से टिकट मांगी थी. लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने निर्दल उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में कूद गए और जोधपुर विश्वविद्यालय के 57 साल के इतिहास में पहली बार जीतकर निर्दलीय छात्रसंघ अध्यक्ष बने. 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले रविंद्र सिंह भाटी भाजपा में शामिल हुए थे और शिव विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दी. इसके चलते महज 9 दिन में ही उन्होंने पार्टी से बगावत कर ली. और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. यहां पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी.
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नामांकन में किया शक्ति प्रदर्शन
4 अप्रैल को भाटी ने जबरदस्त भीड़ के साथ नामांकन दाखिल किया. इस दौरान सभा में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली थी. रविंद्र सिंह भाटी के चुनावी मैदान में उतारने के चलते सबसे बड़ा नुकसान भारतीय जनता पार्टी को होता हुआ दिख रहा है. ऐसे में रविंद्र सिंह भाटी को रोकने के लिए सोमवार से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बाड़मेर में हैं. मंगलवार को डिप्टी सीएम प्रेमचंद बेरवा भी बाड़मेर पहुंचे हैं. बुधवार को एक और डिप्टी सीएम दिव्या कुमारी भी बाड़मेर पहुंचेगी. सभी नेता बैठक कर डैमेज कंट्रोल करने में लगे हुए हैं.
भाजपा और कांग्रेस दोनों की बढ़ी मुश्किलें
बाड़मेर जैसलमेर बालोतरा लोक सभा सीट से इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों को सबसे बड़ा खतरा रविंद्र सिंह भाटी से होता दिख रहा है. ऐसे में कांग्रेस के बड़े नेता लगातार रविंद्र सिंह भाटी के खिलाफ ही मोर्चा खोले हुए हैं. पिछले दिनों पूर्व मंत्री रहे हेमाराम चौधरी ने मंच से खुलकर रविंद्र सिंह भाटी पर हमला बोला था. इस इस दौरान हेमाराम चौधरी द्वारा दिए गए बयानों को लेकर विवाद भी उपजा हालांकि इसके बाद हेमाराम चौधरी को सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगनी पड़ी थी. भाजपा को अपने कोर वोटर में सेंध लगती हुई नजर आ रही इसी के चलते सोमवार को बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को बाड़मेर बुलाया गया था 12 अप्रैल को पीएम मोदी खुद रविंद्र सिंह भाटी के चलते हो रहे नुकसान को लेकर डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी की रैली
12 अप्रैल को रविंद्र सिंह भाटी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बाड़मेर आ रहे हैं और आगामी दिनों में बाड़मेर शहर में फिल्मी स्टार सनी देओल और इंडियन रेसलर द ग्रेट खली के रोड शो भी प्रस्तावित है. इसके अलावा क्षत्रिय समाज को साधने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी बाड़मेर में चुनावी सभा और रैलियां कर सकते हैं.
युवाओं में जबरदस्त क्रेज
बाहरी राज्यों में में भी रविंद्र सिंह भाटी को लेकर जबरदस्त क्रेज है. विधानसभा चुनाव में भी रविंद्र सिंह भाटी के पक्ष में वोट करने के लिए बाहरी राज्यों में रह रहे काफी बड़ी संख्या में लोग वोट डालने आए थे. ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में भी रविंद्र सिंह भाटी के चुनावी मैदान में उतरने के चलते यह चुनाव बेहद ही रोचक हो चला है.