महाराष्ट्र में शिवाजी की प्रतिमा गिरने के मामले में पुलिस का बड़ा एक्शन, मूर्तिकार जयदीप आप्टे गिफ्तार
महाराष्ट राजकोट किले में गिरी शिवाजी की प्रतिमा के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने मूर्तिकार जयदीप आप्टे को ठाणे से गिरफ्तार कर लिया है. महाराष्ट्र पुलिस की कुल सात से ज्यादा टीमें लगातार उसकी तलाश कर रही थीं. फिलहाल आप्टे को पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के ऑफिस में रखा गया है.
महाराष्ट राजकोट किले में गिरी शिवाजी की प्रतिमा के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने मूर्तिकार और ठेकेदार जयदीप आप्टे को ठाणे से गिरफ्तार कर लिया है. महाराष्ट्र पुलिस ने कुल सात से ज्यादा टीमें ठेकेदार जयदीप आप्टे की तलाश में लगाई थी. ये टीमें लगातार उसकी तलाश कर रही थी. फिलहाल आप्टे को पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के ऑफिस में रखा गया है.
ठेकेदार जयदीप आप्टे को शिवाजी की 35 फुट ऊंची प्रतिमा बनाने के लिए बनाने के लिए ठेका दिया गया था. प्रतिमा के निर्माण के बाद पीएम मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के मौके पर मालवन तहसील के किले में शिवाजी की इस मूर्ति का अनावरण किया था. लेकिन यह मूर्ति पिछले माह गिर गई थी.
मामले हो चुकी है एक और गिरफ्तारी
मूर्ति गिरने के बाद मालवन पुलिस ने स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल और मूर्तिकार जयदीप आप्टे के खिलाफ केस दर्ज किया था. हालांकि इस मामले में पाटिल को पहले ही अरेस्ट कर लिया गया था. इस घटने के बाद से विपक्षी नेता लगातार भाजपा पर हमलावर रहें. इसके साथ ही वो इस बात पर भी संदेह जता रहे थे कि अनुभव की कमी के बावजूद आप्टे को इतना महत्वपूर्ण टेंडर कैसे मिल सकता है. आप्टे केवल 24 साल के युवा हैं. उसे इतनी बड़ी मूर्तियां बनाने का कोई अनुभव नहीं था, इसके बाद भी उन्हें यह काम सौंपा गया, इस पर लगातार सवाल उठाया जा रहा है.
आमने-सामने भाजपा और कांग्रेस
इस घटना के आरोपियों की गिरफतारी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता प्रवीण दारकर ने कहा, ‘जो लोग हमारी सरकार की आलोचना कर रहे थे उन्हें अब अपना मुंह बंद कर लेना चाहिए. ये सच है कि पुलिस ने जयदीप आप्टे को गिरफ्तार करने में थोड़ा समय लिया. हम गिरफ्तारी का श्रेय नहीं ले रहे हैं लेकिन पुलिस ने अपना काम किया है.’
वहीं उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे ने कहा, ‘राज्य सरकार को आप्टे की गिरफ्तारी का श्रेय लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह सरकार का कर्तव्य है। वह कोई अंडरवर्ल्ड डॉन नहीं था. उसे पहले ही गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए था.’