13 फरवरी से कुंभ राशि में सूर्य-शनि की युति, इन 5 राशि वालों को रहना होगा सावधान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 13 फरवरी को सूर्य मकर राशि की अपनी यात्रा को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. ऐसे में कुछ राशि के जातकों को सतर्क रहने की जरूरत होगी.
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब-जब किसी एक राशि में दो ग्रहों की युति होती है तो इसका शुभ और अशुभ दोनों तरह का प्रभाव देखने को मिलता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य और शनि की आपस में शत्रुता का भाव रखते हैं, वहीं इन दोनों ग्रहों में पिता-पुत्र का भी संबंध है. सूर्यदेव शनि के पिता है, 13 फरवरी को सूर्य मकर राशि की अपनी यात्रा को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. कुंभ राशि में पहले से ही शनिदेव विराजमान हैं, इस तरह से सूर्य और शनि दोनों ही कुंभ राशि में युति बनाएंगे. सूर्यदेव की कुंभ राशि में शनि की साथ युति 15 मार्च 2023 की सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगी, फिर इसके बाद सूर्य मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे. 13 फरवरी से लेकर 15 मार्च तक कुंभ राशि मे सूर्य-शनि की युति से कुछ राशि वालों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होगी.
सूर्य-शनि की युति
ज्योतिष मे शनिदेव की चाल बहुत ही धीमी होती है, इस कारण से जातकों के ऊपर पड़ने वाला शनि का शुभ या अशुभ प्रभाव लंबे समय तक रहता है, बीते 17 जनवरी को शनि करीब ढाई वर्षों बाद अपनी राशि परिवर्तन किया था, शनि कुंभ राशि में साल 2025 तक रहेंगे, वहीं शनि देव के पिता सूर्य हर एक माह के अंतराल पर अपनी राशि बदलते हैं, 13 फरवरी 2023 को सूर्यदेव कुंभ राशि में गोचर करेंगे, इस कारण से पित और पुत्र दोनों ही एक माह के लिए एक ही राशि में विराजमान होंगे,
सूर्य-शनि की युति से इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य और शनि ग्रह की आपस में मित्रता का भाव नहीं होता है, सूर्यदेव जहां गर्म प्रकृति के कारक ग्रह तो वहीं शनि देव शीतलता के कारक हैं, जब कभी भी सूर्य और शनि की युति किसी ग्रह में होती है तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन आपको बता दें कि शनि को दो राशियां का स्वामित्व प्राप्त है जिसमें मकर और कुंभ राशि है, शनि जब भी अपनी स्वराशि में होते हैं तो जातकों को ज्यादा कष्ट नहीं पहुंचाते हैं, वहीं सूर्यदेव शनिदेव के पिता है और वे जब अपने पुत्र की राशि में होते हैं तो वे भी ज्यादा अशुभ फल नहीं देते हैं, हालांकि ग्रह अपने प्रकृति और मित्र-शत्रु के भाव के कारण कुछ न कुछ प्रतिकूल प्रभाव जरूर डालते हैं,
कर्क राशि
सूर्य-शनि की युति आपकी कुंडली में आठवें भाव में होगी, जिस कारण से आपको 13 फरवरी से लेकर 15 मार्च तक विशेष सावधानी बरतनी होगी, इस दौरान आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, का्र्यों में रुकावटें आ सकती है, वाद-विवाद के बढ़ सकते हैं, सेहत में गिरावट और गुस्सा बढ़ सकता है, ऐसे में आपको इस एक महीने विशेष सावधानी बरतनी होगी,
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों की कुंडली मे सूर्य-शनि कीय युति सातवें भाव को प्रभावित करेगी, कुंडली का सातवां भाव जीवनसाथी और साझेदारी का माना जाता है, ऐसे में वैवाहिक जीवन पर कुछ समय के लिए बुरा असर पड़ सकता है, किसी कानूनी मामलों में आपको इसका सामना करना पड़ सकता है, वहीं जो लोग किसी के साथ साझेदारी का व्यापार करते हैं उसमें रुकावटें और मतभेद पैदा हो सकते हैं, इस दौरान आपको किसी से धोखा भी मिल सकता है,
कन्या राशि
इस राशि के जातकों को भी सावधान रहना होगा क्योंकि आपकी कुंडली के छठे भाव में सूर्य-शनि की युति बनेगी, इस राशि के लिए सूर्य-शनि की युति परेशानियों में इजाफा दिलाएगा, धन का नुकसान होने की संभावना है, बनते हुए कार्य बिगड़ जाएंगे, आपके शत्रु आपके ऊपर भारी पड़ सकते हैं, संबंधों में उतार-चढ़ाव आएगा, लेकिन आपको इस तरह की परेशानियां का सामना कुछ ही दिनों तक करनी होगी फिर सब कुछ वैसा हो जाएगा,
वृश्चिक राशि
इस राशि के जातकों के लिए सूर्य और शनि की युति अच्छा नहीं कहा जाता है, सूर्य और शनि देव आपकी कुंडली के चौथे भाव में होंगे, तनाव बढ़ सकता है, व्यापार करने वाले लोगों को कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है, कोई छोटी-मोटी दुर्घटना भी आपके साथ घट सकती है,
कुंभ राशि
कुंभ राशि में सूर्य-शनि की युति लग्न भाव में होने जा रही है, शनिदेव जहां पहले से कुंभ राशि मे विराजमान है फिर 13 फरवरी से 15 मार्च तक सूर्य भी कुंभ राशि में होंगे, ऐसे में कुंभ राशि के लोगों की परिशानियों में इजाफा होगा, वाद-विवाद बढ़ जाएंगे, इस राशि को जातकों का बहुत ही सोच-समझकर चलना होगा, वैवाहिक जीवन में परेशानियां और सेहत में गिरावट देखने को मिलेगा,