मलबे में जिंदगी तलाश रहे ‘प्रोटियो’ ने तोड़ा दम, जाबांज कुत्ता था तुर्की का असली हीरो

मलबे में जिंदगी तलाश रहे ‘प्रोटियो’ ने तोड़ा दम, जाबांज कुत्ता था तुर्की का असली हीरो

प्रोटियो को रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद करने के लिए खास तौर से मेक्सिको से लाया गया था

तुर्की में भूकंप के बाद मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्केयू ऑपरेशन लगातार जारी है. इस बीच सोमवार को तुर्की से एक और बुरी खबर आई है. पिछले 6 दिनों से मलबे में दबे लोगों को ढूंढने का काम कर रहे कुत्ते की मौत हो गई है. इस वीर कुत्ते का नाम प्रोटियो था जो लोगों की मदद के लिए मेक्सिको से तुर्की लाया गया था. उसकी मौत मलबे में दबने की वजह से हुई.

जानकारी के मुताबिक प्रोटियो को रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद करने के लिए खास तौर से मेक्सिको से लाया गया था. मैक्सिकन रक्षा मंत्रालय ने रविवार को प्रोटियो को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “तुम्हारे वीरतापूर्ण कार्य के लिए धन्यवाद, तुमने मैक्सिकन सेना के मिशन को पूरा किया.”

सैनिकों ने ऐसे दी श्रद्धांजलि

उन्होंने आगे कहा, “मैक्सिकन सेना और वायु सेना के सदस्यों को हमारे महान साथी, कुत्ते ‘प्रोटियो’ के खोने का गहरा अफसोस है. तुमन तुर्की में हमारे भाइयों की खोज और बचाव में मैक्सिकन प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में अपना मिशन पूरा किया. हमें तुम पर गर्व है ” वहीं तुर्की में बचाव कार्यों में भाग लेने वाले सैनिकों में से एक ने कुत्ते को श्रद्धांजलि देते हुए कहा: “मैं तुम्हे बताना चाहता हूं कि मुझे तुम पर गर्व है, क्योंकि तुम हमेशा एक मजबूत कुत्ते रहे हैं, एक कुत्ता कार्यकर्ता जिसने कभी हार नहीं मानी.”

वहीं ऑनलाइन यूजर्स ने भी प्रोटियो की कोशिशों के लिए उसकी प्रशंसा की है जबकि कुछ लोगों ने घटना के बारे में और अधिक जानकारी मांगी. मैक्सिकन मीडिया के मुताबिक प्रोटियो मलबे में दबे लोगों को ढूंढ रहा था, तभी मलबे से कुचलने की वजब से उसकी मौत हो गई.

बढ़ सकती हैं मौतों की संख्या

बता दें, 6 फरवरी को दक्षिण-पूर्वी तुर्की और उत्तरी सीरिया में 7.8 और 7.5 तीव्रता के भूकंप आया था. इनमें 33 हजार से जायादा लोगों की मौत हुई है और मृतक संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि तलाश दलों को और भी शव मिल रहे हैं. सोमवार को, बचावकर्मियों ने 40 वर्षीय एक महिला को तुकी के गजियांतेप प्रांत में इअस्लाहीये शहर स्थित पांच मंजिला एक इमारत के मलबे से बाहर निकाला. सिबेल काया नाम की महिला को 170 घंटे की मशक्कत के बाद निकाला जा सका. बचाव कार्य में तुर्की के कोयला खान का बचाव दल भी शामिल था.

इससे पहले, एरेंगुल ओंदर नाम की 60 वर्षीय एक महिला को भी अदियामन प्रांत के बेसनी शहर में मलबे से निकाला गया. मानीसा शहर के मेयर सेंगीज एर्गुन ने एक ट्वीट में कहा,हमें बेस्नी से एक चमत्कार होने की खबर मिली, जिसने हमारी उम्मीद को कायम रखा है.