UP: सस्पेंड हुए इस्पेक्टर साहब, अब चौराहे पर लगा रहे चाय की दुकान… क्या है कहानी?

UP: सस्पेंड हुए इस्पेक्टर साहब, अब चौराहे पर लगा रहे चाय की दुकान… क्या है कहानी?

झांसी में सस्पेंड इंस्पेक्टर ने परिवार के पालन-पोषण के लिए प्रमुख इलाइट चौराहे के फुटपाथ पर चाय की दुकान खोली. उन्होंने कहा कि जब तक बहाली नहीं होती, वह यही काम करेंगे. पुलिस विभाग से न्याय न मिलने पर उन्होंने इस कदम को उठाया.

उत्तर प्रदेश के झांसी में एक निलंबित इंस्पेक्टर इन दिनों सुर्खियों में हैं. पुलिस लाइन में तैनात इंस्पेक्टर को अपने पुलिस अधिकारी के साथ बहस के बाद सस्पेंड कर दिया गया था. कई दिनों से सस्पेंड चल रहे इंस्पेक्टर ने अब झांसी के मुख्य चौराहे पर फुटपाथ पर चाय की दुकान खोल ली है. सस्पेंडेंड इंस्पेक्टर का कहना है कि जब तक उनकी बहाली नहीं होती तब तक वह यही काम करेंगे.

निलंबित चल रहे इंस्पेक्टर का नाम मोहित यादव है. इंस्पेक्टर का 15 जनवरी को पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) सुभाष सिंह से छुट्टी को लेकर विवाद हो गया था. इस विवाद के बाद यह सिलसिला शुरू हुआ और सोशल मीडिया पर इससे संबंधित कई वीडियोज सामने आए. मोहित यादव ने कभी अपने इस्तीफे को स्वीकार किए जाने की बात कही तो कभी न्याय न मिलने को लेकर वीडियो पोस्ट किया. अब वह फिर से चर्चा में आए हैं वो भी एक चाय की दुकान को लेकर. इंस्पेक्टर का एक वीडियो फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि वीडियो की पुष्टि नहीं की गई है.

परिवार चलाने खोली चाय की दुकान

निलंबित इंस्पेक्टर मोहित यादव ने चाय की दुकान खोलने के बारे में कहा कि परिवार को पालने के लिए कुछ तो करना था. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी बहाली नहीं हो जाती है तब तक वह यही दुकान चलाएंगे. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें पुलिस विभाग से न्याय की उम्मीद नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अफसरों ने उनके खिलाफ षड़यंत्र रचा है. उनका कहना है कि उनके और उनकी पत्नी के फोन तक टेप किए जा रहे हैं. विभाग के कई अधिकारी उनके ऑफिस से बाहर निकलते ही उनके खिलाफ साजिश शुरू कर देते हैं.

आरोप बेबुनियाद हैं

रविवार को मोहित यादव ने प्रमुख इलाइट चौराहे पर फुटपाथ पर चाय की दुकान खोली और लोगों को चाय पिलाना शुरू कर दिया. इंस्पेक्टर ने बताया कि उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. वहीं दूसरी ओर पुलिस विभाग के अफसर इस मामले में कुछ नहीं कह रहे हैं.

मोहित यादव का यह कदम इस बात को दर्शाता है कि उन्होंने अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए किसी भी रास्ते को अपनाया है. इस मामले ने एक बार फिर झांसी पुलिस विभाग और उसके अधिकारियों के खिलाफ सवाल उठाए हैं. मोहित यादव की चाय की दुकान अब शहर में चर्चा का विषय बन चुकी है.