कानपुर पुलिस के लिए सिरदर्द बना ‘बंदर’, रखा 50 हजार का इनाम
उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए अब अपना दल की बाइक रैली पर हमला करने वाला अजय ठाकुर उर्फ बंदर सिरदर्द बन गया है, लाखों कोशिशें करने के बाद भी पुलिस उसे गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो पाई है. फिलहाल पुलिस का दावा है कि वह अजय को जल्द ही गिरफ्तार कर लेगी.
उम्र 28, 26 गंभीर धाराओं के मुकदमे और सिर पर 50,000 रुपये का इनाम. जी हां यह है कानपुर के बर्रा थाने के हिस्ट्री शीटर अजय उर्फ बंदर का रिकॉर्ड जो आज कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के लिए चुनौती बन गया है. कानपुर के हिस्ट्री शीटर ने 28 जनवरी को एक वारदात के बाद कानपुर पुलिस को नाको चने चबवा दिए हैं. पुलिस उसकी लाख गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है. सर्विलांस और क्राइम ब्रांच टीम सभी अपने-अपने स्तर पर उसके पीछे लगी हैं लेकिन आरोपी अभी तक पकड़ में नहीं आ पाया है.
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने पहले निर्धारित 25000 के इनाम को बढ़ाकर 50000 कर दिया. अब डीसीपी रविंद्र कुमार ने अपना दल की रैली में हमला करने वाले अजय ठाकुर गैंग के सभी 8 लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट कोर्ट से हासिल कर लिया है. इतना सब होने के बाद पुलिस ने दावा किया है कि वह जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लेंगे.
आपको बता दें अजय ठाकुर एक शातिर अपराधी है और वह कई बार पुलिस को चकमा दे चुका है. कर्नाटक लोकेशन मिलने के बाद से कानपुर पुलिस उसका पीछे करने में जुटी है. वह हाथ नहीं लग रहा है. आपको बता दें शातिर अपराधी बंदर पर गंभीर आरोपों में कानपुर के बर्रा थाने समेत कुल 26 मुकदमे दर्ज हैं. शुरुआत में राजनीतिक संरक्षण की सह पर फले फुले इस अपराधी से अब पुलिस परेशान हो चुकी है.
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कम उम्र में बड़ा नाम
हिस्ट्री शीटर अजय उर्फ बंदर ने जरायम की दुनिया में कम उम्र में बड़ा मुकाम हासिल कर रखा है. इसके पीछे भी एक वजह स्पष्ट है कि उसको राजनीतिक संरक्षण प्राप्त रहा है. शुरुआत में साइबर कैफे गैंगरेप मामले में जब हिस्ट्री शीटर की पुलिस तलाश कर रही थी तब वह एक सत्ता दल के विधायक के जन्मदिन पर केक कटवा रहा था. इसके बाद उसने सोशल मीडिया पर अपनी सफाई का वीडियो भी फरारी के दौरान जारी किया था. उस वक्त काफी दिनों बाद कानपुर पुलिस ने अजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था लेकिन, जेल से छूटने के 7 दिन बाद ही अजय ने अपना दल की बाइक रैली पर हमला करके दोबारा दबदबा दिखाया.
फरारी में दे रहा धमकी
फरारी के दौरान अजय ठाकुर उर्फ बंदर धमकी भी ओपन वाई-फाई का इस्तेमाल करके देता रहा. अजय उर्फ बंदर फरारी के दौरान अपनी सोशल साइट का इस्तेमाल करके अपनी बेगुनाही का भी सबूत भी दे रहा है. शातिर अजय ने काफी समय पहले किदवई नगर थाने में हवालात में गिरफ्तारी के बाद खुद को ब्लेड से गंभीर घायल कर के पुलिस के हाथ पांव फुला दिए थे. अजय उर्फ बंदर गैंग के लोग अजय को बंदर के नाम से पुकारते हैं.
आतंक का पर्याय बना बंदर
अजय उर्फ बंदर का गैंग कानपुर के बर्रा इलाके के अलावा कई थाना क्षेत्रों में दहशत और आतंक का पर्याय बना है. अब ऐसे में पुलिस द्वारा इतने दिनों तक गिरफ्तारी न कर पाने के पीछे उसका शातिर दिमाग काम कर रहा है. सूत्रों की माने तो अजय को सत्ता दल के कई बड़े नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त है. अब कानपुर पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास के साथ ही उसके मददगारों पर भी शिकंजा कस रही है.