जानिए वास्तु की सभी दिशाओं और ग्रहों में कैसा होता है संबंध

जानिए वास्तु की सभी दिशाओं और ग्रहों में कैसा होता है संबंध

जिन घरों का वास्तु संतुलित और वास्तु के अनुरूप होता है वहां हमेशा सुख-समृद्धि और सकारात्मकता रहती है. वहीं अगर भवन निर्माण के दौरान किसी तरह का वास्तु दोष उत्पन्न हो तो जीवन में कई तरह की परेशानियां पीछे लगी रहती है.

वास्तु शास्त्र में सभी दिशाओं और सह दिशाओं के साथ सभी नौ ग्रहों का भी विशेष स्थान होता है. जिस तरह से हर एक दिशा के देवता अलग-अलग होते हैं उसी प्रकार से हर एक ग्रह का भवन में एक निश्चित स्थान भी होता है. भवन निर्माण के दौरान दिशाओं के साथ-साथ सभी नौ ग्रहों के बारे में विचार करना भी जरूरी होता है. जिन घरों का वास्तु संतुलित और वास्तु के अनुरूप होता है वहां हमेशा सुख-समृद्धि और सकारात्मकता रहती है. वहीं अगर भवन निर्माण के दौरान किसी तरह का वास्तु दोष उत्पन्न हो तो जीवन में कई तरह की परेशानियां पीछे लगी रहती है.

आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र में सभी ग्रहों का योगदान रहता है

चंद्रमा

वास्तु शास्त्र के अनुसार वायव्य दिशा के स्वामी चंद्रमा होते हैं. चंद्रमा मन,माता और संपत्ति के कारक ग्रह होते हैं. वायव्य दिशा में भोजन कक्ष, अतिथि गृह और कन्याओं का कमरा होना शुभ होता है.

सूर्य

सूर्य से सभी प्राणियों और वनस्पतियों को जीवन प्राप्त होता है. पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य देव होते हैं. ज्योतिष में सूर्य देव अच्छी सेहत, ऐश्वर्या और तेज प्रदान करने वाले ग्रह होते हैं. इस दिशा में वास्तु संबंधी दोष होने पर व्यक्ति के मान-सम्मान में गिरावट होती है. वास्तु के अनुसार इस दिशा में कभी कोई भारी सामान नहीं रखना चाहिए.

मंगल

दक्षिण दिशा के स्वामी मंगलदेव होते हैं. यानी इस दिशा पर आधिपत्य यम देवता होता है. मंगल ग्रह साहस, पराक्रम और धन के देवता होते हैं. वास्तु के अनुसार इस दिशा में शयन कक्ष और स्टोर रूम रखना शुभ होता है.

बुध

बुध ग्रह उत्तर दिशा के स्वामी होते हैं और यह दिशा धन के देवता भगवान कुबेर इस दिशा के देव माने जाते है. बुध वाणी, लेखन और संपन्नता के कारक ग्रह हैं. ऐसे में इस दिशा में तिजोरी और स्टडी रूम रखना शुभ होता है

गुरु

गुरु ग्रह उत्तर-पूर्व जिसे ईशान कोण भी कहते हैं उस दिशा के स्वामी ग्रह होते हैं. भगवान विष्णु इस दिशा के देवता माने जाते है. गुरु ग्रह आध्यात्म और सुख प्रदान करने वाले ग्रह होते हैं. इस दिशा में पूजा स्थल रखना बहुत शुभ और लाभकारी होता है.

शुक्र

शुक्र ग्रह आग्रेय कोण के अधिपति ग्रह होते हैं और इस दिशा के स्वामी अग्निदेव होते हैं. शुक्र ग्रह सौंदर्य, सुख-सुविधा और ऐशोआराम देने वाले ग्रह माने जाते हैं. इस दिशा में रसोई घर, बिजली से जुड़े चीजें रखना वास्तु के अनुसार शुभ होता है.

शनि

पश्चिम दिशा के स्वामी ग्रह शनिदेव होते हैं. इसके अलावा वरुण देव भी इस दिशा के स्वामी होते हैं. पश्चिम दिशा से लाभ और खुशी का पता चलता है. शनि ग्रह कर्म और न्याय के कारक ग्रह होते हैं. इस दिशा में ड्राइंगरूम, बेडरूम, पुस्तकालय होना शुभ माना जाता है.

राहु

राहु ग्रह को पापी और अशुभ ग्रह माना जाता है. दक्षिण- पश्चिम दिशा या नैऋत्य कोण के स्वामी राहु ग्रह होते हैं. इस दिशा में बेडरूम,ऑफिस, बाथरूम या स्टोर रूम बनाना लाभदायक रहता है. खास तौर पर इस बात का ध्यान दें कि घर के इस दिशा में भूलकर भी हल्की चीजें या खुली स्थान न छोड़ें. इस दिशा में राहु ग्रह का अधिपत्य होता है जिसमें तमस के तत्व सबसे ज्यादा होता है इस कारण से इस दिशा में सबसे भारी चीजें रखना शुभ होता है.