आज है जानकी जयंती, जानें माता सीता की किस पूजा से मिलेगा मनचाहा वरदान
सनातन परंपरा में फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी को जानकी जयंती के रूप में मनाया जाता है. माता सीता के प्राकट्य दिवस पर की जाने वाली पूजा विधि एवं धार्मिक महत्व जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
Janaki Jayanti 2021: हिंदू धर्म में रामचरित मानस और इसके प्रमुख पात्र भगवान राम और माता सीता का बहुत ज्यादा महत्व है. सनातन परंपरा में जिस माता सीता को सतीत्व की देवी के रूप में पूजा जाता है, उनकी जयंती हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि मनाई जाती है. मान्यता है कि जानकी जयंती पर ही माता सीता का पृथ्वी पर प्राकट्य हुआ था. आइए आज सुख-सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद पाने के लिए जानकी जयंती पर माता सीता की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, धार्मिक महत्व और महाउपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं.
जानकी जयंती का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार सुख-सौभाग्य का वर प्रदान करने वाली माता सीता की जयंती से जुड़ी फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी 13 फरवरी 2023 को प्रात:काल 09:45 बजे से प्रांरभ होकर 14 फरवरी 2023 को प्रात:काल 09:04 बजे तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार जानकी जयंती का महापर्व 14 फरवरी 2023 के दिन ही मनाया जाएगा.
जानकी जयंती की पूजा विधि
जानकी जयंती पर माता सीता से मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए प्रात:काल स्नान-ध्यान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और उकसे बाद किसी चौकी पर प्रभु श्री राम और माता सीता की प्रतिमा या फोटो रखकर उसे गंगा जल से स्नान कराएं. उसके बाद माता सीता के नाम का व्रत रखने का संकल्प लें. माता सीता का विधि-विधान से पूजन करने से पहले देवाधिदेव गणेश और माता अंबिका की पूजा करें. इसके बाद माता सीता की पूजा फल, फूल, धूप, दीप आदि से करें. जानकी जयंती पर माता सीता की पूजा में आज विशेष रूप से 16 श्रृंंगार से जुड़ी चीजें जरूर चढ़ानी चाहिए. माता को भोग लगाने के बाद उसका प्रसाद अधिक से अधिक लोगों को बांटें और खुद भी ग्रहण करें.
जानकी जयंती की पूजा का उपाय
- यदि आप चाहती हैं कि जिस तरह माता सीता को प्रभु श्री राम जैसा योग्य वर प्राप्त हुआ था, वैसे ही आपको भी जीवनसाथी मिले तो आज माता सीता की विधि-विधान से पूजा करते समय उन्हें श्रृंगार की वस्तुएं विशेष रूप से चढ़ाएं और उसे बाद में किसी सुहागिन स्त्री को दान कर दें.
- सुखी दांपत्य जीवन की कामना रखने वाली स्त्री को आज जानकी जयंती पर माता सीता की पूजा करते समय उनकी प्रतिमा या चित्र पर सात बार सिंदूर लगाना चाहिए और उस सिंदूर को महाप्रसाद मानते हुए तिलक करें और बचा हुआ सिंदूर पूजा घर में संभाल कर रखना चाहिए.
- माता सीता से मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए आज देवी सीता के साथ भगवान राम की भी विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और माता सीता के मंत्र ‘ॐ जानकी रामाभ्यां नमः’ का अधिक से अधिक जप करना चाहिए.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)