क्या जल्द सस्ता होगा पेट्राल और डीजल, इस साल 14 फीसदी सस्ता हुआ कच्चा तेल
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. बीते दो दिनों यानी गुरुवार और शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है. वहीं दूसरी ओर पूरे हफ्ते की बात करें तो ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई के दाम में 3.5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है.
साल का पहला हाफ खत्म होने को है और इंटरनेशशन मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम इस दौरान 14 फीसदी सस्ता हो चुका है. बीते पांच कारोबारी दिनों की बात करें तो ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल के दाम में 3.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जानकारों की मानें तो जिस तरह से दुनिया के तमाम केंद्रीय बैंकों से आने वाले महीनों में ब्याज दरों में इजाफे के संकेत मिल रहे हैं, उससे यही लगता है कि कच्चे तेल की कीमत में और गिरावट देखने को मिल सकती हैं. एक्सपर्ट के अनुसार ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम साल के सेकंड हाफ में 65 से 70 डॉलर के बीच देखने को मिल सकते हैं. जिसकी वजह से भारत में इस दौरान पेट्रोल और डीजल के दाम में 10 से 15 रुपये तक की कटौती देखने को मिल सकती है.
पहले बात कच्चे तेल की
इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. बीते दो दिनों यानी गुरुवार और शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है. वहीं दूसरी ओर पूरे हफ्ते की बात करें तो ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई के दाम में 3.5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है. आंकड़ों पर बात करें तो इस साल यानी 2023 में अब तक दोनों तरह के कच्चे तेल में 14 फीसदी कर गिरावट देखने को मिल चुकी है. मौजूदा समय में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 73.85 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई के दाम 69.16 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं.
क्यों आ रही है गिरावट?
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की असल वजह दुनियाभर के बैंकों की ओर से ब्याज दरों में इजाफे की वजह से देखने को मिल रही है. गुरुवार को बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा ब्याज दरों में उम्मीद से आधा फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी के बाद ब्रेंट में लगभग 3 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आई. नॉर्वे और स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंकों ने भी दरें बढ़ा दीं. जबकि फेड की ओर से बार ब्याज दरों में इजाफा नहीं किया, लेकिन इस बात की आशंका जरूर जताई कि इस साल आने वाले महीनों में फेड ब्याज दरों में दो बार इजाफा कर सकता है. जिसकी वजह से कच्चे तेल की डिमांड में गिरावट देखने को मिल रही है और दाम कम हो रहे हैं.
भारत में कच्चे तेल की स्थिति
वहीं दूसरी ओर भारत में भी कच्चे तेल की कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है. बीते दो दिनों में एमसीएक्स पर कच्चे तेल की कीमत में 278 रुपये की गिरावट देखने को मिल चुकी है. आंकड़ों पर बात करें तो बुधवार को बाजार बंद होने के बाद कच्चे तेल की कीमत 5,953 रुपये प्रति बैरल पर था, जो शुक्रवार को कारोबार खत्म होने के बाद 5,675 रुपये प्रति बैरल पर आ गया. जो शुक्रवार को कारोबारी सत्र के दौरान 5,546 रुपये प्रति बैरल के लेवल पर पहुंच गया था.
कितने कम हो सकते हैं पेट्रोल और डीजल के दाम
आईआईएफएल के वाइस प्रेसीडेंट कमोडिटी एंड रिसर्च अनुज गुप्ता के अनुसार केंद्रीय बैंकों की ओर से लगातार हॉकिश रुख अपनाया जा रहा है. जिसकी वजह से इंटरनेशनल लेवल पर क्रूड ऑयल की डिमांड में नेगेटिवा असर पड़ रहा है और डिमांड में कमी आ रही है. आने वाले दिनों में इसमें यही ट्रेंड दिखाई दे सकते हैं. जिसकी वजह से साल के सेकंड हाफ में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 65 से 70 डॉलर प्रति बैरल के बीच रह सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती देखने को मिल सकती है. सेकंड हाफ में पेट्रोल और डीजल के दाम 10 से 15 रुपये तक कम हो सकते हैं.