Twitter के बाद अब Tesla की भी हालत खराब, Elon Musk के दुकान पर क्यों नहीं आ रहे ग्राहक?

Twitter के बाद अब Tesla की भी हालत खराब, Elon Musk के दुकान पर क्यों नहीं आ रहे ग्राहक?

एलन मस्क के ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद जहां आए दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पॉलिसीज में बदलाव हो रहा है. वहीं टेस्ला की गाड़ियों का प्राइस कट किए जाने के बाद भी उसके दिन नहीं सुधर पा रहे हैं. आखिर कैसा है टेस्ला का हाल ?

हम सब जानते हैं कि एलन मस्क ने जब से ट्विटर को अपने हाथ में लिया है, तब से उसकी पॉलिसी आए दिन बदलती रहती है. पहले कंपनी की कमाई बढ़ाने के लिए एलन मस्क ने Twitter Blue Subscription शुरू किया, फिर सेलेब्रिटीज के लिए इस पर ‘U-Turn’ ले लिया. कुछ ऐसे ही हालात उनकी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी टेस्ला के हैं. आखिर कहां फंस गए हैं एलन मस्क?

पहले बात अगर ट्विटर की करें, तो एलन मस्क ने ‘ब्लू टिक’ सब्सिक्रिप्शन प्लान पेश किया. इसे 21 अप्रैल से लागू होना था, लेकिन एक-दो दिन में ही उन्हें अपने इस फैसले पर यू-टर्न लेना पड़ा. शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन और आलिया भट्ट जैसे सितारों का ब्लू टिक गायब हो गया. बाद में एलन मस्क को कहना पड़ा जिनके फॉलोअर्स की संख्या 1 मिलियन यानी 10 लाख से ज्यादा है, उन्हें मुफ्त में ब्लू टिक मिलेगा. इसे ट्विटर के इंवेस्टर्स एलन मस्क का ‘दोगलापन’ करार दे रहे हैं.

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Tesla की हालत है खराब

अब इसी बीच में टेस्ला की स्थिति को देखें तो बीते एक महीने में कंपनी का शेयर प्राइस करीब 22 प्रतिशत टूटा है. 31 मार्च को ये 207 डॉलर पर था, जिसमें 28 अप्रैल को 152.60 डॉलर पर कारोबार शुरू हुआ. हालांकि अभी ये 160.67 डॉलर पर बंद हुआ है.

फिर भी बीते एक महीने में टेस्ला का मार्केट वैल्यूएशन 140 अरब डॉलर से कम हुआ है. ये अब करीब 500 अरब डॉलर के पास आकर ठहर गया है, जबकि महीने भर पहले ये भी 650 अरब डॉलर से अधिक था.

घटा प्रॉफिट, नहीं बढ़ी सेल

टेस्ला ने अपनी सेल बढ़ाने के लिए 2023 में अपने मॉडल्स की कीमतों में कटौती शुरू की थी. उम्मीद थी कि इससे कंपनी की सेल बढ़ाने में मदद मिलेगी. कंपनी का एंट्री-लेवल मॉडल 40,000 डॉलर से कम का हो गया है, जो पहले करीब 62,990 डॉलर का था. इसी तरह मॉडल एस और मॉडल एक्स भी 20 प्रतिशत तक सस्ते हुए.

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इससे कंपनी जनवरी-मार्च में कंपनी के व्हीकल्स की डिलीवरी ने नया रिकॉर्ड तो बनाया, लेकिन ये प्रॉफिट में भारी नुकसान लाने वाला रहा. 31 मार्च तक के आंकड़ों कं मुताबिक टेस्ला ने जितनी गाड़ियों की डिलीवरी की, उससे 17,000 ज्यादा गाड़ियों का प्रोडक्शन किया. वहीं कंपनी का प्रॉफिट इस अवधि में पिछले साल के मुकाबले 24 प्रतिशत घट गया.

आखिर क्यों नहीं पहुंच रहे ग्राहक ?

एनालिस्ट का मानना है कि चीन की अर्थव्यवस्था नरमी के दौर से गुजर रही है. ये दुनिया का सबसे बड़ा कार मार्केट है. इसलिए कीमतों में कटौती के बाद कंपनी की सेल में कोई खास ग्रोथ देखने को नहीं मिली है. वहीं भारत जैसे एस्पायरिंग मार्केट में अब तक टेस्ला की एंट्री नहीं हो पाई है. वहीं वालस्ट्रीट यानी अमेरिका का शेयर बाजार टेस्ला के मार्जिन में कमी आने और प्रॉफिट में गिरावट आने के बाद इसके टारगेट प्राइस को अब कम करके आंक रहा है.