यूपी में 582 जजों का ट्रांसफर, ज्ञानवापी केस की सुनवाई करने वाले जज का भी तबादला

ट्रांसफर लिस्ट में न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर का भी नाम शामिल है, जिन्होंने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण का फैसला दिया था. वह बरेली में थे और अब उनका ट्रांसफर चित्रकूट जिला अदालत के लिए कर दिया गया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशासनिक स्तर पर रविवार को 582 न्यायिक अधिकारियों का ट्रांसफर किया. ट्रांसफर का यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के संयुक्त निबंधक सतीश कुमार पुष्कर द्वारा रविवार शाम जारी किया गया. न्यायाधीशों को तत्काल नए स्थानों पर कार्यभार ग्रहण करने को कहा गया है. जिन 582 न्यायिक अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए उनमें 236 अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश और 207 दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) एवं 139 दीवानी न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) शामिल हैं.
आदेश के अनुसार, सबसे अधिक 13 न्यायाधीशों का स्थानांतरण कानपुर से किया गया है. इसके अलावा, 11 न्यायाधीशों का अलीगढ़ से और पांच न्यायाधीशों का बरेली से ट्रांसफर किया गया है.
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण का निर्णय
इस सूची में न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर भी शामिल हैं, जिन्होंने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण का निर्णय दिया था. वह बरेली में थे और अब उनका ट्रांसफर चित्रकूट जिला अदालत के लिए कर दिया गया है. अपर जिला न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर अपने निर्णयों में धार्मिक ग्रंथों का संदर्भ देते हैं. वह मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद चर्चा में आए.
582 न्यायिक अधिकारियों का ट्रांसफर
दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली के आदेश पर रजिस्ट्रार जनरल ने रविवार को अधिसूचना जारी करके प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में तैनात 582 न्यायिक अधिकारियों का अलग-अलग जिलों में तबादला किया है. तबादला किए गए न्यायिक अधिकारियों में 236 एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेंशन जज, 207 सिविल जज सीनियर डिवीजन तथा 139 सिविल जज जूनियर डिवीजन रैंक के अधिकारी शामिल हैं.
सबसे ज्यादा कानपुर से जजों का ट्रांसफर
इसमें सबसे ज्यादा कानपुर से 13 जजों का ट्रांसफर किया गया है. अलीगढ़ के 11 और बरेली के 5 जज भी बदले गए हैं. इनमें जज रवि कुमार दिवाकर भी शामिल हैं. उन्हें बरेली से चित्रकूट भेजा गया है. जज रवि के आदेश 2022 में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे हुआ था. रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी अधिसूचना में सभी न्यायिक अधिकारियों का तबादला करने से पूर्व इनके दिए गए प्रत्यावेदन पर विचार किया गया है. इन सभी न्यायिक अधिकारियों को अपने अपने जिले में ज्वॉइन करना है.