Dating Apps यूज करना है खतरनाक ! रिसर्च में खुलासा- 70% लोग डिप्रेशन का शिकार
टिंडर, बम्बल समेत कई ऐसे डेटिंग ऐप्स हैं जिन पर यूजर काफी देर तक स्वाइपिंग में लगे रहते हैं. डेलीमेल में छपी eHarmony की रिसर्च में डेटिंग ऐप्स को यूज करने की टाइमिंग और इसके प्रभावों को लेकर खुलासा हुआ है. जानें डेटिंग ऐप्स को लेकर क्या कहती है रिसर्च...
डेटिंग ऐप्स पर पार्टनर की तलाश युवाओं की खास पसंद बन गई है. टिंडर से लेकर बम्बल कई ऐसे डेटिंग ऐप्स हैं जहां लड़के-लड़कियां स्वाइप करके अपने लिए पार्टनर खोजते हैं. इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के फायदे कम नुकसान ज्यादा है.
स्टडी के मुताबिक करीब 70 फीसदी ऐसे लोग हैं जो इन्हें इस्तेमाल करने के बाद डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम को फेस करते हैं. इसमें 39 फीसदी ऐसे हैं जो उठने के बाद इनका इस्तेमाल करते हैं वहीं 48 फीसदी सोने से पहले डेटिंग ऐप्स पर टाइम बिताते हैं.
इस रिसर्च में करीब 1000 लोगों को शामिल किया गया और इसमें 44 फीसदी ऐसे यूजर थे जो फिजिकल रिलेशन की चाहत ज्यादा रखते हैं. वहीं इनमें से 27 फीसदी महिलाएं या लड़कियां इन ऐप्स को ईगो बूस्ट करने के लिए इस्तेमाल किया.
चौंकाने वाली बात है कि एक इंसान सेम टाइम में 6 लोगों से बात करता है. रिसर्च करने वाले डॉक्टरों में से एक मार्टिन ग्राफ ने कई अहम जानकारियां साझा की है. पूरी रिसर्च में 44 फीसदी ऐसे यूजर हैं जो मैच होने वाले पार्टनर की पर्सनैलिटी से नाखुश पाए गए.
डॉ. ग्राफ के मुताबिक डेटिंग ऐप्स जैसी नई तकनीक हमारे ऊपर हावी होती जा रही है. ये जानते हुए कि इनकी हमें लत लग गई है इस प्लेटफॉर्म पर घंटों बर्बाद किए जा रहे हैं.
'हमारा मानना है कि ये मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालते हैं. डॉ. आगे कहते हैं कि हमें इसे इस्तेमाल करने के तरीको को मैनेज करना चाहिए. मॉनिटरिंग करें कि आप कितना समय डेटिंग ऐप्स पर बिता रहे हैं.'