महिला को था फेफड़ों का कैंसर, सुपरमार्केट के Pizza ने ऐसे बचा ली जान!

महिला को था फेफड़ों का कैंसर, सुपरमार्केट के Pizza ने ऐसे बचा ली जान!

पिज्जा एक इटालियन डिश है और बच्चों से लेकर बड़े तक इसे बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं. हेल्थ के खराब कहे जाने वाले पिज्जा ने एक महिला की जान बचा ली.

पिज्जा हाई सैचुरेटेड फैट और जंक फूड में गिना जाता है. डॉक्टर और न्यूट्रीशिनिस्ट अक्सर लोगों को इस जंक फूड से दूर रहने की सलाह देते हैं. पिज्जा खाने से हाई कोलेस्ट्रॉल समेत कई बीमारियों का खतरा रहता है. लेकिन हेल्थ के लिए खराब माना जाने वाला पिज्जा ही आपकी जिंदगी बचा ले? सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगे लेकिन ऐसा हो गया है. मामला है ब्रिटेन का, जहां एक महिला ने उसकी जान बचाने के लिए पिज्जा को थैंक यू बोला है.

अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट डेली मेल डॉट यूके के मुताबिक, ग्रेटर मैनचेस्टर में जेनेट स्कोफील्ड नाम की एक महिला को अपनी कैंसर की बीमारी के बारे में पता चला. लेकिन पिज्जा के कारण ही इस महिला को अपने लंग कैंसर के बारे में पता तल पाया.

पिज्जा ने कैसे बचाई जान

ये महिला अपने लंग कैंसर की बीमारी के बारे में अनजान थी. महिला को उस वक्त कैंसर के बारे में पता चला जब वह सुपरमार्केट के एक मीट फीस्ट पिज्जा को पका रहा थी. बता दें कि ओवन में पिज्जा को देखते हुए ये महिला गिर गई. इसदौरान रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर आ जाने के कारण महिला को बेहद खतरनाक दर्द का सामना करना पड़ा. लेकिन अस्पताल में किए गए टेस्ट से यह भी पता चला कि 45 वर्षीय महिला के बाएं फेफड़े में 4 सेमी की असामान्य कैंसर बना हुआ है. इस महिला का कहना है कि एक तरीके से पिज्जा ने मेरी जान ही बचाई है.

क्या है फैफड़े का कैंसर

फेफड़ों का कैंसर भी अन्य कैंसर की ही तरह है. शुरुआत में इसके किसी तरह से लक्षण विकसित नहीं होते हैं. आमतौर पर फेफड़ों के कैंसर के लक्षण तब नजर आते हैं, जब यह एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है. फेफड़ों के कैंसर के कुछ लक्षण निम्न हैं-

  • हाल में शुरू हुई खांसी, जो ठीक न हो रही हो
  • खांसी में खून आना, भले ही बहुत कम आ रहा हो
  • सांस लेने में दिक्कत
  • सीने में दर्द
  • कर्कश आवाज
  • बिना किसी वजह के वजन कम होना
  • हड्डियों में दर्द होना

फेफड़ों के कैंसर की सर्जरी के दौरान आपके डॉक्टर फेफड़ों में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को काटकर निकाल देते हैं. इसी के साथ उसके आसपास मौजूद कुछ स्वस्थ कोशिकाओं को भी निकाला जाता है, ताकि किसी भी तरह से कैंसर कोशिकाओं के बचे रहने की उम्मीद बची न रहे.