Heart Attack: 40 प्लस महिलाएं हो जाएं सावधान! हार्ट अटैक का सबसे ज्यादा खतरा

Heart Attack: 40 प्लस महिलाएं हो जाएं सावधान! हार्ट अटैक का सबसे ज्यादा खतरा

Heart Attack: स्टडी में सामने आया है कि युवा महिलाओं में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. सबसे अधिक खतरा 33 से 54 साल की उम्र की महिलाओं में भी अधिक देखने को मिला है.

Heart Attack: पिछले कुछ दिनों में हार्ट अटैक के कई मामले सामने आए हैं. हार्ट अटैक न सिर्फ बुजुर्गों को ब्लकि युवाओं को भी अपना शिकार बना रहा है. हाल ही में मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन को भी हार्ट अटैक आया था. यूथ आइकन मानी जाने वाली पूर्व विश्व सुंदरी सुष्मिता सेन बेहद फिटनेस फ्रीक हैं लेकिन उनके बारे में ये खबर सुनकर हर कोई हैरान था. बता दें कि सुष्मिता सेन 40 प्लस हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बिजी लाइफस्टाइल और तनाव के कारण महिलाओं में दिल संबंधी परेशानियां ज्यादा बढ़ रही हैं.

40 प्लस महिलाओं को ज्यादा खतरा

हार्ट अटैक को लेकर हाल में एक रिसर्च हुई, जिसमें बेहद चौंका देने वाले तथ्य सामने आए. जॉन हॉप्किन्स मेडिसिन वेबसाइट पर इस रिसर्च के बारे में बताया गया है. स्टडी में सामने आया है कि युवा महिलाओं में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. सबसे अधिक खतरा 33 से 54 साल की उम्र की महिलाओं में भी अधिक देखने को मिला है. जिन महिलाओं की उम्र 40 पार कर गई हैं. उनमें हार्ट संबंधी दिक्कतें ज्यादा देखने को मिली हैं.

उठाएं ये कदम

अगर आपको ब्लड प्रेशर की समस्या बनी हुई हो तो इसे तुरंत नियंत्रित करें. डाइट और नींद बेहतर कर इस स्थिति पर काबू पाया जा सकता है.बॉडी में समय समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहे. बैड कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ना चाहिए. इससे कोरोनरी आर्टरी में फैट जमा जाता है. इसका तुरंत बचाव करें.

स्मोकिंग को कहें न

आजकल शहरी क्षेत्र में महिलाएं शराब और स्मोकिंग को तरजीह दे रही हैं. इससे हार्ट संबंधी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं. हार्ट की समस्याओं को समझने के लिए जरूरी है. इसका रूटीन चेकअप कराना चाहिए.

इन लक्षणों से हो जाएं

  • हार्ट की गति बढ़ना
  • चक्कर आना
  • मितली आना
  • सांस फूलने लगना
  • अजीब सी बैचेनी होना
  • कुछ दिन पहले से बिना कारण पेट खराब होना
  • कमजोरी महसूस होना शामिल है

लाइफस्टाइल रहे हेल्दी

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो तनाव और स्ट्रेस भरे जीवन में आपको हेल्दी लाइफस्टाइल रुटीन फॉलो करना चाहिए. इसके साथ ही, समय-समय पर डॉक्टर से भी चेकअप करवाते रहना चाहिए.