‘मैं एक घंटा भजन सुनता हूं, योगी जी को कहां फुर्सत’, रामचरितमानस विवाद पर बोले अखिलेश
श्रीराम चरित मानस विवाद में लंबी चुप्पी के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बयान दिया है. आगरा में पार्टी के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि श्रीराम चरित मानस से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जो गलत है वह गलत है. इस बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
श्रीराम चरित मानस के विवाद में अब अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस ग्रंथ पर उन्हें आपत्ति नहीं है. लेकिन जो गलत है, वह गलत है. सपा सुप्रीमो ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि मैं खुद रोज एक घंटा भजन सुनता हूं. लेकिन योगी जी को तो इसकी फुर्सत ही नहीं होगी. वैसे उन्हें सारे भजन याद होंगे, इसलिए उन्हें सुनने की जरूरत भी नहीं. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह बयान आगरा में आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में दिया. उन्होंने कहा कि जो गलत है, उसका तो विरोध होगा ही.
गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने श्रीराम चरित मानस के खिलाफ टिप्पणी की थी. चंद्रशेखर ने इसे नफरत फैलाने वाला ग्रंथ करार दिया था. इसके बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस मुद्दे को लपक लिया और एक कदम आगे बढ़ते हुए इसपर बैन लगाने की मांग कर दी. मौर्य ने सार्वजनिक बयान में कहा था कि रामचरित मानस में दलितों और महिलाओं के लिए अपमानजनक बातें लिखीं है. हालांकि मौर्य के बयान के बाद बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक और मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक राजनीति गर्म हो गई. हालांकि अब तक अखिलेश यादव इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रहे, लेकिन इस बयान के बाद स्वामी प्रसाद के प्रमोशन ने एक संदेश दिया कि इस बयान पर अखिलेश यादव का समर्थन है.
सपा ने निकाला राम का रथ
समाजवादी पार्टी ने रविवार को ही एक वीडियो जारी किया है. यह वीडियो आगरा एक्सप्रेस वे से गुजर रहे एक ट्रॉला का है. कहा जा रहा है कि इस वीडियो में दिख रहे ट्रॉला पर भगवान श्रीराम की प्रतिमा रखी है. अखिलेश यादव ने यह वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा भी है कि प्रभु राम का रथ और सपा का पथ, आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे. यह वीडियो भी काफी तेजी से वायरल हो रहा है.
प्रभु राम का रथ ~ सपा का पथ#आगरा_लखनऊ_एक्सप्रेसवे pic.twitter.com/iZoAJCcqxi
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 5, 2023
2024 से जोड़ कर देखा जा रहा है बयान
बता दें कि देश में लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. अगले साल 2024 में ही लोकसभा के चुनाव होने हैं. इसके लिए सभी पार्टियां अपने स्तर पर तैयारी में जुट गई है. स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को भी इन्हीं तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है. वहीं आखिलेश यादव के इस बयान को भी इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है. दरअसल अखिलेश यादव या स्वामी प्रसाद मौर्या किसी हाल में एमवाई समीकरण से पीछे नहीं हटना चाहते. दावा किया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने यह बयान मुस्लिमों को पार्टी से जोड़े रखने की कवायद का एक हिस्सा है.
नौ फरवरी को विस्तार से बोल सकते हैं अखिलेश
आगरा में तो अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर संक्षिप्त बयान दिया है, लेकिन नौ फरवरी को उनकी गाजीपुर में विशाल जनसभा है. संभावना है कि अखिलेश यादव श्रीराम चरित मानस विवाद पर विस्तार में बोल सकते हैं. अखिलेश यादव नौ फरवरी को 12 बजे हेलीकॉप्टर से गाजीपुर पहुंचेंगे, जहां एक बड़ी जनसभा का संबोधित करेंगे. कहा जा रहा है कि 2024 के चुनाव से पहले और पिछले विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश की पहली बड़ी सभा होगी. ऐसे में उम्मीद है कि वह इसी जनसभा में चुनाव की तैयारियों के लिए लाइन लेंथ खींच सकते हैं.