अनंतनाग राजौरी लोकसभा चुनाव 2024 परिणाम: महबूबा मुफ्ती ने स्वीकार की अपनी हार, करीब 3 लाख से अधिक वोटों से चल रहीं पीछे
जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट से पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती चुनावी मैदान में हैं. इनके सामने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ लार्वी हैं. 2019 के चुनाव में महबूबा मुफ्ती को हार का सामना करना पड़ा था. 2014 के चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की थी. 2024 के चुनाव में महबूबा मुफ्ती ने हार स्वीकार कर ली है.
जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट चर्चित सीटों में से एक है. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की किस्मत ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करते हुए दिखाई दे रहे हैं. अल्ताफ प्रदेश की दिग्गज नेता महबूबा मुफ्ती को करारी शिकस्त देने वाले हैं. शाम 6 बजे के चुनावी नतीजों में मियां अल्ताफ को 5 लाख 17 हजार 489 वोट मिले हैं. अनंतनाग लोकसभा सीट से महबूबा मुफ्ती को मात्र 2 लाख 38 हजार 210 वोट मिले हैं. इस सीट पर महबूबा मुफ्ती 2 लाख 79 हजार 279 वोट से पीछे चल रही हैं.
महबूबा मुफ्ती शुरू से ही पीछे चल रही हैं. शाम 4:30 तक महबूबा मुफ्ती को 2 लाख 38 हजार 210 वोट मिले हैं. मियां अल्ताफ से वह 2 लाख 79 हजार 279 वोटों से पीछे चल रही हैं. मियां अल्ताफ महबूबा मुफ्ती को करीब 2 लाख 29 हजार 276 वोटों से पीछे किया है. शुरुआती रुझानों से ही महबूबा मुफ्ती पीछे चल रही हैं. इस बीच उन्होंने अपनी हार भी स्वीकार कर ली है. यह उनकी लगातार दूसरी बार चुनावी हार है.
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करते हुए दिखाई दे रहे हैं. मियां अल्ताफ पीडीपी उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती को करीब 2 लाख 29 हजार 276 वोटों से पीछे किया हुआ है.
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लगातार पीछे हैं महबूबा मुफ्ती
अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट से पीडीपी की उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती 1,77,582 वोटों से पीछे चल रही हैं. दोपहर 12:30 बजे तक उन्हें मात्र 1,59799 वोट मिले हैं. जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद को 3,56,038 वोट मिले हैं. शुरुआती रुझानों से लेकर दोपहर बाद के नतीजों तक पीडीपी उम्मीदवार लगातार पीछे बनी हुई हैं.
मियां अल्ताफ बनाएं हैं बढ़त
अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट के शुरुआती रुझानों में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद आगे चल रहे हैं. सुबह 11 बजे की काउंटिंग तक मियां अल्ताफ को 1,92,141 वोट मिले हैं. पूर्व सीएम व पीडीपी उम्मीदवार को 86,085 वोट मिले हैं. वह JKNC के उम्मीदवार से करीब 1 लाख वोटों से पीछे चल रही हैं.
शुरू से ही पीछे चल रही हैं महबूबा मुफ्ती
अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट के शुरुआती रुझानों में पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती पीछे चल रही हैं. जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद को 1882 वोट मिले हैं. पीडीपी उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती को 927 वोट मिले हैं.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट पर छठे चरण में 25 मई को वोटिंग कराई गई. इस बार यहां पर रिकॉर्डतोड़ वोटिंग हुई. घाटी के इस संसदीय सीट पर रिकॉर्ड 54.46 फीसदी वोट पड़े. यहां पर मुख्य मुकाबला नेशनल कांफ्रेंस के मियां अल्ताफ लार्वी और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती के बीच रहा. हालांकि इस सीट पर जेकेएपी ने जफर इकबाल खान मन्हास और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी ने मोहम्मद सलीम पारे को टिकट देकर मुकाबला रोमांचक बना दिया है. महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री रही हैं.
महज 40 हजार वोटों से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने दर्ज की थी जीत
अनंतनाग राजौरी नाम से यह लोकसभा सीट पहली बार अस्तित्व में आई. इससे पहले यह सीट अनंतनाग के नाम से जानी जाती थी. इस सीट पर साल 2019 में महज 8.96 फीसदी वोटिंग के साथ त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था. उस समय नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी 40 हजार 180 वोट पाकर चुनाव जीत गए थे. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार गुलाम अहमद मीर 33 हजार 504 वोट पाकर भी 6 हजार 600 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे. इस चुनाव में पीडीपी की उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती महज 30 हजार 524 वोट पाकर तीसरे स्थान पर सिमट कर रह गई थीं.
2014 में महबूबा मुफ्ती बनी थी यहां से सांसद
आतंकवाद से प्रभावित इस लोकसभा सीट पर पहली बार बड़े पैमाने पर वोटिंग हुई है. साल 2014 में इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच आमने-सामने की टक्कर हुई थी. इसमें पीडीपी के टिकट पर महबूबा मुफ्ती 2 लाख वोट पाकर करीब 65 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीत गई थीं. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के मिर्जा महबूब बेग 1 लाख 35 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे. इस सीट पर कश्मीरी पंडितों के लिए स्पेशल मतदान केंद्र बनाए गए थे. यह 34 मतदान केंद्र जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में प्रवासी कश्मीरी पंडितों के लिए बनाए गए थे.
इस सीट का चुनावी इतिहास
हाल ही में हुए परिसीमन के दौरान गठित अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट में जम्मू के पुंछ और राजौरी जिलों को कश्मीर संभाग के शोपियां और अनंतनाग जिलों के साथ मिलाया गया. अनंतनाग के नाम से पूर्व में गठित इस सीट पर पहला चुनाव 1967 में हुआ था. उस समय लगातार तीन चुनाव 1967, 1971 और 1977 में कांग्रेस पार्टी के मोहम्मद शफी कुरैशी यहां से सांसद चुने गए थे. इसके बाद तीन चुनाव नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीते. 1980 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुलाम रसूल कोचक, 1984 में बेगम अकबर जहान अब्दुला और 1989 में प्यारे लाल हांडू सांसद चुने गए थे. साल 1996 में इस सीट पर जनता दल के टिकट पर मोहम्मद मकबूल डार तो 1998 में कांग्रेस के मुफ्ती मोहम्मद सईद सांसद बने. 1999 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अली मुहम्मद नाइक यहां से जीते और फिर 2004 में पीडीपी की महबूबा मुफ्तीय यहां से सांसद चुनी गईं. 2009 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के मिर्जा महबूब बेग, 2014 में पीडीपी की महबूबा मुफ्ती और 2019 के चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी यहां से सांसद चुने गए.