11 साल बाद जेल से बाहर आया आसाराम, दहशत में रेप पीड़िता का परिवार, सुरक्षा बढ़ाने की मांग

11 साल बाद जेल से बाहर आया आसाराम, दहशत में रेप पीड़िता का परिवार, सुरक्षा बढ़ाने की मांग

पीड़िता के पिता ने कहा कि वह और उनका परिवार आसाराम के पैरोल पर बाहर आने के बाद से काफी डरा हुआ है क्योंकि वह इलाज के बहाने अब जेल से बाहर आ गया है.शाहजहांपुर एसपी अशोक कुमार मीणा ने शुक्रवार को बताया कि पीड़िता के घर पर पुलिस बल पहले से ही तैनात है. उन्होंने कहा कि पीड़िता के पिता को कोर्ट के काम के लिए बाहर जाना पड़ता है, ऐसे में उनकी मांग पर उन्हें एक गनर भी दिया गया है. हम पीड़ित परिवार के साथ हैं.

यूपी के शाहजहांपुर की पीड़िता से यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम 7 दिन की पैरोल पर इलाज के लिए बाहर आ रहे हैं. आसाराम के जेल से बाहर आने पर पीड़िता के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह सिर्फ प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए जेल से बाहर आना चाहता है. अगर इलाज की बात की जाए तो जोधपुर में भी आसाराम का इलाज संभव था.

पीड़िता के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले भी कई तरह के प्रोपेगेंडा चलाए गए. उन्होंने कहा कि डुप्लीकेट पीड़िता और उसका पिता बनाकर एक वीडियो प्रसारित करवाया गया. इसके इलावा और भी कई तरीके के झूठे वीडियो प्रसारित करवाए गए.

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता

पीड़िता के पिता ने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जिन सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है वह अपनी ड्यूटी सही से नहीं करते. पीड़िता के पिता का कहना है कि ड्यूटी करने आने वाले सुबह 11:00 बजे आते हैं और शाम को 6:00 बजे चले जाते हैं.

मनमाने ढंग से ड्यूटी करते हैं सुरक्षाकर्मी

उन्होंने कहा कि कागजों में पूरी पुलिस गारद की ड्यूटी लगाई गई है. लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहने वाले गार्ड मनमाने ढंग से ड्यूटी करते हैं. पीड़िता के पिता ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शाहजहांपुर एसपी अशोक मीणा से बात की तो उन्होंने पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था का आश्वासन दिया है.

2013 में गिरफ्तार हुआ था आसाराम

दरअसल शाहजहांपुर की रहने वाली 16 वर्षीय पीड़िता के साथ आसाराम बापू ने अपने जोधपुर स्थित आश्रम में साल 2013 में दुष्कर्म किया था. पीड़िता के आरोप लगाने के बाद एक सितंबर 2013 को आसाराम को गिरफ्तार किया गया था. 2018 में इस मामले में आसाराम बापू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी. अब जोधपुर हाईकोर्ट ने कथावाचक को इलाज के लिए सात दिन की पैरोल दी है.

दो गवाहों की हो चुकी है हत्या

इस बीच, पीड़िता के पिता ने अपने परिवार पर खतरा बताते हुए कहा कि सुरक्षा को बढ़ाया जाना चाहिए.उन्होंने तर्क दिया कि जब आसाराम जेल के अंदर था तब यहां उसके मुकदमे के मुख्य गवाह कृपाल सिंह (35) की शाहजहांपुर के कैंट क्षेत्र में 10 जुलाई 2015 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं मुजफ्फरनगर में एक अन्य गवाह की गोली मार कर हत्या की गई थी.