हत्या के 96 घंटे बाद कोर्ट की तारीख, देने वाले थे ये सबूत…नफे सिंह हत्याकांड की अब अलग कहानी

हत्या के 96 घंटे बाद कोर्ट की तारीख, देने वाले थे ये सबूत…नफे सिंह हत्याकांड की अब अलग कहानी

इनेलो नेता और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी हत्याकांड में पहले लॉरेंस गैंग पर शक जताया जा रहा था. लेकिन अब इस केस में एक नई कहानी सामने निकलकर आ रही है. नफे सिंह के बेटे ने साफ किया है कि उनके पिता की लॉरेंस और किसी अन्य गैंग से कोई दुश्मनी नहीं थी. राजनीतिक रंजिश की तरफ उन्होंने इशारा किया. हरियाणा पुलिस भी अब इस एंगल से ही मामले की जांच कर रही है. साथ ही उन मामलों को भी खंगाल रही है जिनमें नफे सिंह के नाम पर केस दर्ज थे.

इनेलो के दिग्गज नेता और बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या के बाद से ही कहा जा रहा था कि इसके पीछे लॉरेंस गैंग का हाथ हो सकता है. लेकिन हरियाणा पुलिस को आशंका है कि ये किसी गैंग का काम नहीं है. बल्कि, निजी रंजिश के चलते नफे सिंह के मर्डर की सुपारी दी गई थी. इस पर नफे सिंह के बेटे का भी बयान सामने आया है. उन्होंने बताया कि नफे सिंह की न तो लॉरेंस गैंग के साथ कोई दुश्मनी थी. और न ही किसी अन्य गैंग के साथ उनके पिता का कोई विवाद था. वो तो जगदीश सुसाइड केस में 27 फरवरी को कुछ सबूत लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट जाने वाले थे. लेकिन उससे पहले ही उन्हें मार डाला गया.

नफे सिंह के बेटे जितेंद्र का कहना है कि राजनीतिक रंजिश के कारण ही उनके पिता को मरवाया गया है. वहीं, हरियाणा पुलिस भी अब नफे सिंह की हत्या को पीछे राजनीतिक रंजिश की आशंका जता रही है. मामले में हरियाणा पुलिस और एसटीएफ की टीम हत्यारों की तलाश में तेजी से जांच कर रही है. पुलिस ने 2 लोगों को हिरासत में लिया है उनसे पूछताछ की जा रही है. पुलिस जांच के दायरे में जेल में बंद कुछ गैंगस्टर्स भी शामिल हैं. उनसे भी लगातार पूछताछ की जा रही है.

जितेंद्र ने कहा कि उनके पिता के खिलाफ झूठे मामले दर्ज कराए गए थे. पूर्व मंत्री मांगेराम नंबरदार के बेटे और स्थानीय बीजेपी नेता जगदीश नंबरदार के सुसाइड केस में भी उनके खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया था. 12 महीने हो चुके हैं, पुलिस अब तक इस केस में कोई सबूत इकट्ठा नहीं कर सकी है. यूपी में भी मेरे पिता के नाम पर झूठे मामले दर्ज किए गए थे. इन सभी का सबूत लेकर मेरे पिता को 27 फरवरी को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट जाना था. लेकिन उससे पहले ही उनकी हत्या कर दी गई. उनकी किसी लॉरेंस या दूसरे गैंगस्टर से कोई दुश्मनी नहीं है. हां ये सच है कि कई बार उनके पिता को जान से मारने की धमकी मिली थी. लेकिन ये राजनीतिक रंजिश का मामला है. धमकी के सबूत लेकर हम पुलिस के पास भी गए और उनसे सुरक्षा मांगी. लेकिन मेरे पिता को सुरक्षा नहीं मिली.

अब कहीं न कहीं उन मामलों को भी पुलिस खंगाल रही है, जिनमें नफे सिंह के खिलाफ मामले दर्ज करवाए गए थे. पुलिस को आशंका है कि कहीं नफे सिंह हत्याकांड कहीं इन मामलों से भी न जुड़ा हो. बता दें, नफे सिंह मामले ने तूल पकड़ा हुआ है. अभी पुलिस को मामले में पूरी तरह सफलता नहीं मिली है. लेकिन इस केस को लेकर राजनीति जरूर गर्मा गई है. यहां तक कि नफे सिंह राठी हत्याकांड की गूंज हरियाणा विधानसभा में भी गूंजी. उनकी हत्या पर विपक्ष ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए. सदन में कांग्रेस सहित विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. वहीं, प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने विधानसभा में बयान देते हुए हत्या की सीबीआई जांच कराने की बात कही. उन्होंने बयान देते हुए कहा कि अगर सदन की तसल्ली नफे सिंह राठी हत्याकांड की सीबीआई जांच से होती है तो हम सीबीआई जांच करवाएंगे.

इससे पहले सीएम मनोहर लाल भी कह चुके हैं कि हत्यारोपियों को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस को आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्माओं (नफे सिंह और जय किशन) को अपने श्री चरणों में स्थान दें.

बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या को लेकर उनके परिजन और समर्थकों में काफी रोष व्याप्त है. उनके समर्थकों और परिजनों ने सिविल अस्पताल के सामने सड़क को जाम कर दिया और वे अभी भी सड़क पर ही बैठे हैं. उनका कहना है कि वह पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार तब तक नहीं होने देंगे जब तक कि आरोपियों की और शूटर की गिरफ्तारी नहीं हो जाती.

पुलिस जांच में अब तक सामने आया है कि नफे सिंह की हत्या में छोटे हथियारों का इस्तेमाल हुआ है. एसटीएफ की जांच में साफ हो गया है की यह वारदात एक-47 एक 56 जैसे किसी हथियार से नहीं बल्कि विदेशी पिस्टल से अंजाम दिया गया है. जिस प्रकार से नफे सिंह पर निशाना लगाया गया है उससे जाहिर होता है कि जिन बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया है वे शार्प शूटर हैं. फिलहाल पुलिस मुस्तैदी से मामले को सुलझाने में जुटी हुई है.

इनेलो नेता नफे सिंह राठी पर लगे थे ये आरोप

अपने राजनीतिक करियर के दौरान पूर्व विधायक नफे सिंह राठी पर बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करने के दो आरोप थे. उन पर लोक सेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात से संबंधित मामले में भी आरोप थे. इसके अलावा नफे सिंह पर जालसाजी, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक साजिश जैसे कुछ और भी आरोप लग चुके थे.

जगदीश सुसाइड केस में आया था नाम

जनवरी 2023 में, हरियाणा पुलिस ने पूर्व मंत्री मांगेराम नंबरदार के बेटे और स्थानीय बीजेपी नेता जगदीश नंबरदार की आत्महत्या के मामले में राठी और पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. मृतक के बेटे की शिकायत के आधार पर राठी और अन्य पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले को लेकर ही 27 फरवरी को नफे सिंह की हाईकोर्ट में सुनवाई थी. लेकिन उससे पहले ही उनकी हत्या कर डाली गई.

क्या है पूरा मामला?

25 फरवरी की शाम को इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी पर बदमाशों ने घात लगाकर फायरिंग की थी. वह अपनी फॉर्य्चूनर कार में आगे वाली सीट पर बैठे हुए थे. कार में उनके साथ 3 सुरक्षाकर्मी और ड्राइवर मौजूद था. उनकी कार जब बराही क्रॉसिंग पर पहुंची तभी कार में सवार बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. बदमाशों ने 50 राउंड से राउंड फायर किए. पूरा इलाका फायरिंग की आवाज से गूंज उठा था. गोली लगने से नफे सिंह और उनके एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई. बदमाश घटना को अंजाम देंने के बाद फरार हो गए. घटनास्थल पर बिखरे कारतूसों के खोखे घटना की वीभत्सा को बयां कर रहे थे. पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की है.