बैली फैट को घटाने वाली इंटरमिटेंट फास्टिंग से रहता है कैंसर का खतरा: स्टडी
बैली फैट को कम करने या फिर तेजी से वेट घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग समेत कई ट्रेंडी तरीके अपनाए जा रहे हैं. वेट गेन से परेशान लोग वर्कआउट ट्रिक्स और महंगे-महंगे डाइट प्लान फॉलो करते हैं. फास्टिंग की वजह से दिल की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियों के होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.
बैली फैट को कम करने या फिर तेजी से वेट घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग समेत कई ट्रेंडी तरीके अपनाए जा रहे हैं. वेट गेन से परेशान लोग वर्कआउट ट्रिक्स और महंगे-महंगे डाइट प्लान फॉलो करते हैं. ये तरीके कारगर साबित हो सकते हैं लेकिन हर चीज के फायदों के साथ-साथ नुकसान भी हैं. यहां हम बात इंटरमिटेंट फास्टिंग की कर रहे हैं जिसे लेकर डेली मेल में एक रिपोर्ट छपी है. चूहों पर की गई रिसर्च में पाया गया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग की वजह से 90 फीसदी नुकसान वाइट ब्लड सेल्स को हुआ. ये सेल्स सूजन और बीमारियों से लड़ने में काम आती है.
रिपोर्ट कहती है कि फास्टिंग की वजह से दिल की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियों के होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. न्यू यॉर्क सिटी के एक हॉस्पिटल की डॉ. फिलिप स्वीर्स्की एक इम्यूनोलॉजिस्ट है. डॉ. फिलिप का कहना है, ‘क्योंकि इम्युन सेल्स बीमारियों से लड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए इन्हें नुकसान पहुंचने से बचाना चाहिए. इसके साथ-साथ इनके काम करने के तरीके को भी समझना चाहिए.’
इंटरमिटेंट फास्टिंग में लोग घंटों भूखे रहते हैं और इसमें कई दिनों तक ब्रेकफास्ट को न करना भी शामिल है. डॉक्टर्स का मानना है कि नाश्ता न करने की आदत डायबिटीज का मरीज तक बना सकती है. हॉलीवुड एक्ट्रेस जेनिफर एंटिसन भी इंटरमिटेंट फास्टिंग के रूटीन को अपनाती हैं.
डॉ. फिलिप बताती हैं कि फास्टिंग का तरीका ट्रेंड कर रहा है पर इसके अपने कई नुकसान भी हैं. रिसर्च में चूहों को दो हिस्सों में बांटा गया जिसमें एक ग्रुप को नॉर्मल फूड वहीं दूसरे को फास्टिंग पर रखा गया. वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया कि बोर्न मैरो में मौजूद वाइट ब्लड सेल्स में इंफेक्शन हो गया था जिससे हार्ट और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
रिसर्च कविताओं का कहना है कि वेट लॉस के लिए फास्टिंग को फॉलो करना अच्छा है लेकिन इसकी अति जानलेवा साबित हो सकती है. इस रूटीन को अपनाने से पहले एक्सपर्ट से सलाह लेनी जरूरी है.