सब्जियों के दाम हुए धड़ाम, आम लोगों की जिंदगी हुई आसान, सितंबर में 5 फीसदी पर आई महंगाई
एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार देश में महंगाई दर काफी कम हो गई है. आंकड़ों के अनुसार देश की रिटेल महंगाई आरबीआई के टॉलरेंस लेवल के अपर बैंड 6 फीसदी से नीचे आ गई हैं. बीते दो महीने में रिटेल महंगाई में करीब दो फीसदीसे ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है.
फेस्टिव सीजन से पहले देश में महंगाई कम हो गई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में सितंबर महीने में महंगाई 5.02 फीसदी पर आ गई है. महंगाई में कमी आने की सबसे बड़ी वजह सब्जियों की कीमत खासकर टमाटर के दाम में गिरावट की वजह से देखने को मिली है. यही वजह से सितंबर के महीने में फूड इंफ्लेशन में 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.
महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों को बड़ी राहत मिलती हुई दिखाई दी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार रिटेल महंगाई आरबीआई के टॉलरेंस बैंड के अपर लिमिट से नीचे आ गई है. इससे पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि देश में सितंबर के महीने में महंगाई दर में कमी देखने को मिल सकती है. वहीं फूड इंफ्लेशन में भी अगस्त के मुकाबले सितंबर के महीने में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है.
सितंबर के महीने में रिटेल महंगाई में 181 बेसिस प्वाइंट की गिरावट देखने को मिली है. जिसकी वजह से महंगाई का आंकड़ां 5.02 फीसदी पर आ गया है. अगस्त के आंकड़ों के अनुसार खुदरा महंगाई 6.83 फीसदी पर थी. इससे पहले जुलाई के महीने में यह आंकड़ा 7.44 फीसदी पर था. इसका मतलब है कि दो महीनों में रिटेल महंगाई दर में करीब दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है.
फूड इंफ्लेशन की बात करें तो इस बार यह आंकड़ा 6.56 फीसदी पर आ गया है. जबकि अगस्त के महीने में यह 9.64 फीसदी पर था. इसका मतलब है कि एक महीने में फूड इंफ्लेशन में 308 बेसिस प्वाइंट की गिरावट आ चुकी है. जिसकी वजह से ओवरऑल महंगाई को कम करने में मदद मिली है.
इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में वित्त वर्ष 2024 के महंगाई के अनुमान 5.4 फीसदी में कोई बदलाव नहीं किया है. दूसरी तिमाही में आरबीआई ने महंगाई के अनुमान को बढ़ाकर 6.4 फीसदी कर दिया है. वहीं तीसरी तिमाही में महंगाई दर 5.6 फीसदी रह सकती है. वहीं चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.2 फीसदी पर बरकरार रखा है. वहीं वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में महंगाई दर 5.2 फीसदी रह सकती है.