Bihar Board 10th Result 2024: ऑटो ड्राइवर की बेटी को बिहार में 9वां रेंक, IAS बनना चाहती है अंजलि
अंजलि ने कड़ी मेहनत करके यह सफलता हासिल की है. उसने जिस स्कूल से पढ़ाई की है वह उसके घर सुजानपुर से दूर है. इसके बाद भी वह जाड़ा, गर्मी बरसात में बिना नागा किए स्कूल जाती थी. वह कभी पैदल तो कभी साइकिल से स्कूल पहुंचती थी. ऑटो चलाने वाले उसके पिता जयप्रकाश सिंह ने भी बेटी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. अंजली IAS बनना चाहती है.
बिहार के रोहतास के ऑटो चालक की बेटी अंजलि ने मैट्रिक की परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल की है. अंजलि पीपीसीएम हाईस्कूल अमझोर की छात्रा है. सुजानपुर गांव के रहने वाले ऑटो चालक जय प्रकाश सिंह की बेटी ने पूरे बिहार में मैट्रिक परीक्षा के परिणाम में टॉप- 10 में स्थान बनाया है. अमझौर के पीपीसीएम हाईस्कूल की छात्रा अंजलि कुमारी इस बार मैट्रिक की परीक्षा में टॉपर में शामिल है. उसे कुल 480 अंक प्राप्त हुए हैं. अंजलि को जहां बिहार में 9 वां रेंक मिला है वहीं वह रोहतास जिले में उसे पहला स्थान प्राप्त हुआ है. वह जिले की टॉपर है.
अंजलि ने कड़ी मेहनत करके यह सफलता हासिल की है. उसने जिस स्कूल से पढ़ाई की है वह उसके घर सुजानपुर से दूर है. इसके बाद भी जाड़ा गर्मी बरसात में बिना नागा किए वह स्कूल जाती थी. वह कभी पैदल तो कभी साइकिल से स्कूल पहुंचती थी.
पिता ने बढ़ाया हौसला
अपनी सफलता के बारे में अंजलि बताती है कि उसके गांव सुजानपुर से स्कूल काफी दूर है.फिर भी वो कभी स्कूल ड्रॉप नहीं किया. पैदल तो कभी साइकिल से स्कूल जाकर पढ़ाई की और जब परिणाम आया तो पूरे बिहार में टॉपर की सूची में अपना नाम देखकर वह गदगद हो गई. अंजलि ने बताया कि उसके पिता जयप्रकाश सिंह ने कड़ी मेहनत करके उसे पढ़ाया लिखाया. वह हमेशा मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करते थे.
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सेल्फ स्टडी से मिली सफलता
अंजलि ने बताया कि बिना किसी बड़े कोचिंग संस्थान की मदद से सेल्फ स्टडी और गुरुजनों के आशीर्वाद से उसने यह मुकाम हासिल किया है. उसने कहा कि उसके पिता ऑटो चलाते हैं लेकिन उन्होंने कभी मेरी पढ़ाई लिखाई में कभी कमी नहीं होने दिया. यही एक वजह है कि एक ऑटो चलाने वाली की बेटी भी बड़ा सपना देख पा रही है. अंजलि आईएएस अधिकारी बनना चाहती है.
अंजलि के गांव के लोग भी खुश
वहीं अंजलि के पिता जयप्रकाश सिंह ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई लिखाई के दौरान कई बार समस्या भी आई.जिसे वह देर से ही सही लेकिन पूरा कर देते हैं.अंजलि दो बहन है दोनों बहन कड़ी मेहनत करती है. वहीं उसकी मां बिमला देवी कहती है कि उसके दोनों बेटियां ही उनके जीवन की पूंजी है और बेटियों को तरक्की के मुकाम पर देखना उनके परिवार का सपना है. अंजलि के इस सफलता से पूरा गांव खुश है. अंजलि के घर गांव के लोग पहुंचकर बधाई भी दे रहे हैं.