बिना किसी के सवाल का जवाब दिए घंटों बोलने का तरीका… एम के स्टालिन का पीएम मोदी पर वार

बिना किसी के सवाल का जवाब दिए घंटों बोलने का तरीका… एम के स्टालिन का पीएम मोदी पर वार

अडानी मामले पर एमके स्टालिन ने पीएम मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने किसी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को कहा कि अडानी समूह पर लगे आरोप भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के खिलाफ सीधे आरोप हैं और केंद्र को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच का आदेश देना चाहिए और मामले पर संसद में चर्चा होनी चाहिए. द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि इस मुद्दे पर संसद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवाल प्रासंगिक हैं और यह चौंकाने वाला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जवाब में इस पर एक शब्द भी नहीं कहा.

अपनी उंगालिल ओरुवन (आप में से एक) श्रृंखला के तहत सवालों का जवाब देते हुए स्टालिन ने कहा कि गांधी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा संसद में की गई टिप्पणियों के कुछ हिस्सों को हटाना संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि संसद में की गई टिप्पणी को हटाने से लोगों के दिल से बात नहीं मिट सकती.

‘पीएम ने किसी का जवाब नहीं दिया’

स्टालिन ने कहा कि अडानी समूह के खिलाफ आरोप बीजेपी शासन के खिलाफ सीधे आरोप हैं और इसलिए सरकार द्वारा जेपीसी जांच का आदेश दिया जाना चाहिए और इस मामले पर संसद में चर्चा होनी चाहिए. संसद में प्रधानमंत्री के संबोधन पर द्रमुक अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें बिना किसी के सवाल का जवाब दिए घंटों बोलने का तरीका समझ में आया. उन्होंने कहा, बीजेपी नीत सरकार और मोदी पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. हालांकि, प्रधानमंत्री ने इनमें से किसी का भी जवाब नहीं दिया. लोगों ने यह नहीं कहा कि वे मोदी के कवच हैं, लेकिन यह दावा प्रधानमंत्री कर रहे थे.

मोदी की इस टिप्पणी पर कि कीचड़ उछालने से कमल और खिलेगा, स्टालिन ने कहा, प्रधानमंत्री का संबोधन शब्दों की बाजीगरी था और बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री या अडानी समूह से जुड़े विवाद पर कोई स्पष्टीकरण नहीं था. मोदी ने पूरे किए गए वादों के बारे में नहीं बताया.

‘पीएम का इकबालिया बयान’

प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई से विपक्षी दल एक साथ आ गए हैं, इस बारे में पूछे जाने पर स्टालिन ने कहा, यह प्रधानमंत्री का इकबालिया बयान है कि किस मकसद से ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है. द्रमुक अध्यक्ष ने कहा कि पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने संसद में स्वीकार किया कि वह विपक्षी दलों के खिलाफ बदले की भावना से काम कर रहे हैं. स्टालिन ने कहा, यह देश के लिए, स्वायत्त संस्थानों के लिए, लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।

मोदी ने सवाल किया था कि द्रमुक का कांग्रेस के साथ संबंध क्यों है क्योंकि उसने (कांग्रेस) द्रमुक की पिछली सरकार को बर्खास्त कर दिया था, इस बारे में पूछे जाने पर स्टालिन ने हैरानी जताते हुए कहा कि मोदी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के साथ बीजेपी के मौजूदा गठबंधन को देखते हुए यह सवाल कैसे उठा सकते हैं, जिसने केंद्र में 1999 में उनकी (भाजपा नीत) सरकार गिरा दी थी.

(भाषा से इनपुट)