हम सस्ता कर रहे पेट्रोल, राज्य नहीं घटा रहे टैक्स, कैसे हो भला: वित्तमंत्री
30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर जो बनाया जायेगा वो पूरी तरह से विदेशों में नौकरी मिलने वाले सेक्टर्स पर आधारित होगा.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों के लिए पिटारा खोल दिया है. यूनियन बजट पेश करने के बाद निर्मला सीतारमण आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही है. कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्तमंत्री ने ये जानकारी दी. इसके साथ ही 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर जो बनाया जायेगा वो पूरी तरह से विदेशों में नौकरी मिलने वाले सेक्टर्स पर आधारित होगा। उसमें ट्रेनिंग लेने वाला अपने लोकल भाषा में ट्रेनिंग लेगा.
वही फूड सब्सिडी जो 2015/16 में 1 लाख करोड़ और 2019/20 में 1.22 करोड़ था उसमें भारी वृद्धि करते हुए 1.97 लाख करोड़ किया गया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में सवालो का जवाब देते हुए कहा गरीबों के लिए एनएफएस पहले सिर्फ 7 राज्य में था. बीजेपी की सरकार ने इसका ambit बढ़ा कर पूरा देश कर दिया.
पेट्रोल-डीजल पर राज्य नही घटा रहे टैक्स
पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि हम जनता के बोझ को कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी कम कर रहे हैं. लेकिन कुछ राज्य ड्यूटी बढ़ा रहे हैं.
वित्तमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सरकार ने पेट्रोलियम पर 3 रुपये का टैक्स बढ़ा दिया. वही पंजाब ने ने पेट्रोल पर फरवरी में वैट बढ़ाया है. केरल ने भी फरवरी में ही पेट्रोल और डीजल पर 2 रू वैट बढ़ा दिया. राज्य जब टैक्स बढाते जाएंगे तो इसका लाभ आम जनता को कैसे मिलेगा. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर बोलते हुए कहा किकांग्रेस के लोगों का तरीका है हम आरोप लगाएंगे लेकिन जवाब देने पर चिलाएंगे.
गरीबी पर राजनीति
वित्तमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस इस मामले में खुद शीशे के घर में हैं और वो गरीबी पर राजनीति कर रही है. जब कांग्रेस की सरकार थी उस समय मनरेगा के लिए जो राशि जारी की जाती थी वह भी खर्च नहीं हो पाती थी. अब वो खुद मनरेगा पर राजनीति कर रही है.
जीएसटी पर वित्तमंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी कंपेनसेशन बकाए पर कहा कि पश्चिम बंगाल को 823 करोड़ रुपये कंपेनसेशन नहीं जारी किए गए हैं क्योंकि राज्य की ओर से एजी की रिपोर्ट सबमिट नहीं की गई है. निर्मला सीतारमण ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि जब राज्य अपना काम ही नहीं पूरा कर पाएगी तो उसे आरोप लगाने का कोई अधिकार नही है.