20 देशों के लिए नहीं, दुनिया में बदलाव के लिए है G20…कांत ने बताई प्राथमिकता और चुनौती

20 देशों के लिए नहीं, दुनिया में बदलाव के लिए है G20…कांत ने बताई प्राथमिकता और चुनौती

भारत में जी-20 की बैठकों की कड़ी में शेरपाओं के सम्मेलन में अमिताभ कांत ने कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता के दौरान विकासशील देशों की प्राथमिकताओं और जी-20 सदस्यों के अलावा वैश्विक दक्षिण की आवाज को प्राथमिकता देना चाहता है.

G20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा है कि अगर अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और सद्भाव की कमी है तो छोटे और विकासशील देशों पर सबसे ज्यादा मार पड़ेगी. उदयपुर में भारत की अध्यक्षता में जी-20 के शेरपा की पहली बैठक हो रही है. इसी बीच में एक इंटरव्यू में कांत ने कहा कि मैंने ग्लोबल साउथ पर लगातार जोर दिया है क्योंकि हमें उन 70 देशों का ख्याल रखना है जो कर्ज के संकट से जूझ रहे हैं. अब अगर कर्ज संकट दुनिया के एक हिस्से में होता है, तो इसका दुनिया के दूसरे हिस्सों पर भी जबरदस्त असर होगा. इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बनने में सक्षम हों.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमें ग्लोबल साउथ की आवाज बनना चाहिए. यही हमारे लिए असली चुनौती है. अगर हम ग्लोबल साउथ की सभी चिंताओं का पता लगाने में सक्षम हैं तो यह आपको और भी बहुत कुछ देता है. आप जानते हैं कि आप दुनिया के नागरिकों की देखभाल कर रहे हैं.

कांत ने कहा कि जी20 केवल दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बारे में नहीं है. जी20 दुनिया को बदलने को लेकर है. शेरपा नेताओं के प्रतिनिधि होते हैं और शेरपाओं को नागरिकों की देखभाल करनी होती है. इसी को हमने बहुत तेजी से सामने लाया है और जी20 शेरपाओं के साथ ‘चाय पे चर्चा’ में शांति और सद्भाव पर बहुत ध्यान दिया गया. यह दृढ़ता से महसूस किया गया कि शांति और सद्भाव के बिना आर्थिक विकास वापस उछल नहीं पाएगा.

डिजिटल क्षेत्र में भारत ने कई चीजें हासिल कीं

उन्होंने कहा कि शांति और सद्भाव के बिना छोटे देशों के लिए यह बहुत मुश्किल होगा. ग्लोबल सप्लाई चैन बाधित रहेगी, वैश्विक कर्ज बिगड़ेगा और इसलिए सभी ने महसूस किया कि यह आवश्यक है कि हम शांति और सद्भाव पर ध्यान दें. डिजिटल पब्लिश इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी परिवर्तन में भारत ने कई चीजें हासिल की हैं जो दुनिया को लाभ पहुंचा सकती हैं. डिजिटल पहचान, बड़ी संख्या में बैंक खाते खोलना, नागरिकों का डेटा सशक्तिकरण और तेज भुगतान आदि. 2015 और 2018 के बीच दुनियाभर में खोले गए 55% बैंक खाते भारत में खोले गए.

गौरतलब है कि 1 दिसंबर को जी-20 की अध्यक्षता भारत ने औपचारिक रूप से ग्रहण की. जी-20 विकसित और विकासशील देशों की अंतर सरकारी मंच है. अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ संगठन के सदस्य है. जी-20 सदस्यों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 80 प्रतिशत, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 75 प्रतिशत और वैश्विक आबादी में दो तिहाई योगदान है.