UP: ड्राइवर की एक गलती और चली गईं 5 जानें, गाजीपुर बस हादसे की Inside Story
गाजीपुर बस हादसे को लेकर ड्राइवर की लापरवाही निकलकर सामने आ रही है. पुलिस ने जब ड्राइवर को महाहर धाम जाने वाले मुख्य मार्ग से नहीं जाने दिया तो वह दूसरे एक कच्चे रास्ते से ले गया. इसी रास्ते में हाईटेंशन लाइन का तार लटक रहा था और बस इसी तार की चपेट में आकर धू-धू कर जल गई. हादसे में पांच लोगों की मौत और 10 लोग घायल हो गए.
गाजीपुर में जिले में सोमवार को हुए दर्दनाक बस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 गंभीर रूप से घायल हैं. ये लोग मऊ से शादी समारोह में शामिल होने मरदह थाना क्षेत्र स्थित महाहर धाम आ रहे थे, तभी रास्ते में इनकी बस हाईटेंशन तार की चपेट में आ गई और धू-धूकर जलने लगी. बस हादसे में कई लापरवाही भी निकलकर सामने आ रही हैं. जब उस धाम तक जाने वाले रास्ते पर भारी वाहनों के लिए बैरिकेडिंग लगी हुई थी तो जिस रास्ते पर हाईटेंशन तार लटक रहा था, वहां से क्यों जाने दिया गया. हाईटेंशन तार लटकने की शिकायत लोगों ने पहले से की थी तो सही क्यों नहीं कराया गया?
बता दें कि मऊ के रानीपुर थाना क्षेत्र के खिरिया गांव निवासी नंदू पासवान के चार बच्चे हैं, जिसमें तीन लड़कियां और एक लड़का है. सोमवार को नंदू की तीसरी बेटी खुशबू की शादी तेज बहादुर नाम के लड़के से होनी थी. चूंकि नंदू पासवान गरीब परिवार से थे तो धूम-धाम से बेटी की शादी कर पाने में सक्षम नहीं थे. इस वजह से लड़के वालों से सहमति लेकर महाहर धाम में बेटी की शादी करना चाह रहे थे. लड़के वालों से अनुमति मिली तो शादी की डेट भी 11 मार्च यानि सोमवार को निकल आई.
हादसे वाली बस में 35 लोग थे सवार
घर-परिवार, रिश्तेदार और ग्रामीण मिलाकर करीब 35 लोग एक बस में सवार होकर महाहर धाम जाने के लिए रवाना हुए. महाहर धाम की क्षेत्र में काफी मान्यता है. यहां 13 मुखी शिवलिंग विराजमान है. शिवरात्रि के मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु भोले बाबा को जल अर्पित करने के लिए महाहर धाम आते हैं. शिवरात्रि के दूसरे दिन से यहां तीन दिनों का काफी बड़ा मेला लगता है. जिला प्रशासन और मेला कमेटी के सदस्य बैठक कर इसकी रूप-रेखा तैयार करते हैं. सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं. भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जाती है.
दुल्हन का परिवार बस से उतर गया, नहीं तो…
सोमवार को जब नंदू पासवान शादी समारोह में शामिल होने के लिए बस लेकर महाहर धाम जाने वाले मुख्य रास्ते पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया और धाम तक बस ले जाने से मना कर दिया. पुलिस के रोकने पर बस से दुल्हन के परिवार, रिश्तेदार समेत करीब 15 लोग उतर गए. मुख्य रास्ते से मंदिर का रास्ता दूर नहीं था तो ये लोग पैदल ही चल दिए. वहीं महिलाएं और बुजुर्ग मिलाकर करीब 20 लोग बस में बैठे रहे. चूंकि बस का ड्राइवर मंदिर आने-जाने वाले अन्य छोटे-मोटे रास्तों से परिचित था तो वह एक कच्चे रास्ते से बस लेकर रवाना हो गया. करीब छह महीने पहले ही इस रास्ते का निर्माण हुआ था. अभी केवल मिट्टी खोदकर डाली गई थी.
रास्ते पर लटक रहा था 11 हजार हाईटेंशन लाइन का तार
इसी रास्ते पर 11 हजार हाईटेंशन लाइन का तार लटक रहा था. तार इतना नीचे था कि केवल कार और बाइक ही गुजर सकती थी. अन्य बड़े वाहन जाते तो तार उनको छू सकता था. बस के ड्राइवर ने लटकता तार देखते हुए भी बस को निकालने का प्रयास किया. ड्राइवर की यही लापरवाही लोगों की जान पर बन आई. देखते ही देखते बस में आ लग गई. कुछ लोग किसी तरह गिरते-पड़ते बस से बाहर आ गए. एक महिला ने तो बस के अंदर से ही अपने बच्चे को बाहर फेंक दिया.
हादसा होते देख स्थानीय लोग और पुलिस टीम मौके पर आ गई. आनन-फानन में बिजली विभाग को लाइन बंद करने के लिए कहा, लेकिन जब तक हाईटेंशन लाइन बंद होती, तब तक बस धू-धूकर जलने लगी. जानकारी के मुताबिक, जब बस में आग लगी तो कुछ स्थानीय लोग बचाने के लिए जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. पुलिस का कहना था कि हाईटेंशन लाइन में तब तक करंट आ रहा था. अगर लोग बचाने जाते तो करंट की चपेट में आ जाते. जब बिजली विभाग ने लाइट कट की तब जाकर लोग मौके पर पहुंचे और पास के गड्डों में भरे पानी से बस में लगी आग को बुझाना शुरू किया.
5 मौतों के लिए कौन जिम्मेदार?
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जितनी लापरवाही इस हादसे में बस ड्राइवर की है, उतनी ही बिजली विभाग की भी है. मेला शुरू होने से पहले मेला कमेटी और जिला प्रशासन की बैठक हुई थी. इस दौरान मंदिर आने-जाने वाले मार्गों को लेकर चर्चा हुई. मेला कमेटी ने इस कच्चे मार्ग पर झूल रहे हाईटेंशन लाइन को लेकर शिकायत की थी और कहा था कि मेला शुरू होने से पहले इसको ठीक करा दिया जाए. छोटे-बड़े सहित भारी वाहनों में भी सवार होकर श्रद्धालु महाहर धाम आते हैं. अभी कुछ दिन पहले ही एक युवक हाईटेंशन तार की चपेट में आकर घायल भी हो गया था.
CM योगी ने घटना का लिया संज्ञान, घायलों से मिले राजभर
हालांकि इन सब शिकायतों के बावजूद भी जिला प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगी. हादसे के बाद मृतकों के घर में कोहराम मचा हुआ है. मऊ से नजदीक होने के चलते घायलों को वहीं के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बिना शादी के दूल्हा-दुल्हन अपने-अपने घर लौट गए. कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटना का संज्ञान लिया और घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए. साथ ही मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 50-50 हजार के मुआवजे का ऐलान किया.
बिजली विभाग पर ऊर्जा मंत्री ने की कार्रवाई
हादसे के बाद ऊर्जा मंत्री ए.के शर्मा ने भी सख्त कार्रवाई की. ऊर्जा मंत्री ए.के शर्मा ने अधिशासी अभियंता मनीष, एसडीओ संतोष चौधरी और JE प्रदीप कुमार राय को निलंबित कर दिया. वहीं लाइनमैन नरेंद्र (संविदा कर्मी) की सेवा समाप्ति के निर्देश दिए. उन्होंने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के MD, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी एवं अधीक्षण अभियंता से भी घटना की लेकर बात की.