गोमती पुस्तक महोसव में साइन लैंग्वेज में सुनाई गई कहानियां, नमस्कार के तरीके भी सिखाए

गोमती पुस्तक महोसव में साइन लैंग्वेज में सुनाई गई कहानियां, नमस्कार के तरीके भी सिखाए

चिल्ड्रन कॉर्नर में प्रसिद्ध कहानीकार निशि सहरावत और मोनिका कक्कड़ ने रामायण से जुड़ी कहानियां सुनाते हुए बच्चों से प्रश्न भी पूछे और बताया कि यह आवश्यक नहीं कि हर कहानी में पहले से कोई हीरो हो. कहानी के पात्र अपनी अच्छाई से हीरो बनते हैं.

गोमती पुस्तक महोत्सव के छठें दिन चिल्ड्रन कॉर्नर में भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC) के सहयोग से मूक और बधिर बच्चों के लिए एक कथावाचन (सुनो कहानी) सत्र का आयोजन किया गया. सांकेतिक भाषा (साइन लैंग्वेज) विशेषज्ञ नेही और अन्नु गोतम ने साइन लैंग्वेज में बच्चों की छोटी-छोटी रोचक कहानियां सुनाईं, जिनका मूक और बधिर विद्यार्थियों के अलावा अन्य विद्यार्थियों ने भी आनंद लिया. विशेषज्ञों ने बच्चों को साइन लैग्वेज में रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाली छोटी-छोटी बातों जैसे ताली बजाना, गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग, हैलो, नमस्कार अभिवादन के तरीके भी सिखाए.

चिल्ड्रन कॉर्नर में प्रसिद्ध कहानीकार निशि सहरावत और मोनिका कक्कड़ ने बच्चों को काव्य और गीतों के रूप में कहानियां सुनाते हुए कहा कि कहानी सच को लिए साथ घूमती है और बच्चे जो भी कहानी सुनते हैं, उसमें सच जरूर होता है और इसके साथ-साथ उसमें प्रेरणा छुपी होती है. उन्होंने रामायण से जुड़ी कहानियां सुनाते हुए बच्चों से प्रश्न भी पूछे और बताया कि यह आवश्यक नहीं कि हर कहानी में पहले से कोई हीरो हो. कहानी के पात्र अपनी अच्छाई से हीरो बनते हैं.

युवा संपादक बनने का अवसर

चिल्ड्रन कॉर्नर में सिटी मोंटेसरी स्कूल, आर्मी पब्लिक स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर और केंद्रीय विद्यालय के विद्यार्थी आए थे. उन्हें युवा संपादक बनने का अवसर भी दिया गया. मीडिया विशेषज्ञों ने उन्हें समाचार लेखन कैसे किया जाए, इस बारे में बताते हुए विद्यार्थियों के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की. चयनित सामचार को एनबीटी, इंडिया के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी पोस्ट किया जा रहा है.

कल्पना की उड़ान भरने के लिए किया प्रेरित

चिल्ड्रन कॉर्नर के मशहूर बाल साहित्यकार रोज स्कूली विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम से हटकर कहानी, कविताओं, उपन्यास आदि पढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. वे बड़े-बड़े लेखकों से कहानी लिखने के गुर सीखने के साथ-साथ अपने मन में उठे प्रश्न भी पूछ रहे हैं. रविवार को बालकथा लेखक डॉ. वेद मित्र शुक्ल और डॉ. मंजरी शुक्ला ने ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ सत्र में बच्चों को कहानी और कविताएं सुनाते हुए उन्हें कल्पना की उड़ान भरने के लिए प्रेरित किया. डॉ. वेद मित्र शुक्ल ने लोकनायक बिरसा मुंडा पर एक कविता सुनाई. उन्होंने बताया कि यथार्थ और कल्पना को लेखक सच बना सकता है.

पीएम युवा योजना की लेखिका ने बताया अनुभव

लेखकगंज में आयोजित पहले सत्र में प्रधानमंत्री युवा लेखक मार्गदर्शन योजना युवा में चयनित लेखिका कायनात आरिफ ने अपनी पुस्तक दिसंर 1912: ए स्टोरी ऑफ अवेकनिंग को लिखने और प्रकाशित करने संबंधी अपने अनुभव साझा करते हुए पीएम युवा मेंटोरशिप के अंतर्गत नवोदित लेखकों को भारत सरकार तथा नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा साहित्य की दुनिया में लेखक के रूप में स्थापित करने के लिए अवसरों के बारे में विस्तार से बताया. कायनात ने बताया कि वह कक्षा आठवीं से लघु कहानियां लिख रही है. जब उन्होंने युवा योजना के बारे में सुना तो यह किताब लिखने का विचार किया. कायनात ने बताया कि उसकी पुस्तक में स्वतंत्रता सेनानी रासबिहारी बोस के कार्यों को जनमानस तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है.

हमारी कहानी में हम कहां

लेखकगंज में बहादुर: शाह ऑफ गुजरात का विमोचन करते हुए प्रसिद्ध लेखिका डॉ. कल्पना स्वामीनाथन और डॉ. इशरत सैयद ने भारतीय इतिहास को भारतीय नजरिए से दोबारा देखने और लिखने की जरुरत पर बल दिया और बताया अधिकांश इतिहास यूरोपियन नजरिए से लिखा गया है, जिसमें कई भारतीय किरदार और उनकी कहानियों को समुचित रूप से पेश नहीं किया गया है. हमें अपने किरदारों को खुद से तलाशने की आवश्यकता है, जिससे हम अपने मूल को सही तरीके से समझ सकें.

समझकर लिखने की जरूरत

यह तलाश केवल इतिहास की किताबों से पूरा नहीं हो सकती बल्कि हमें उस कालावधि के भूगोल संस्कृति कला सभी पहलुओं को सही तरीके से समझने की जरूरत है और किरदार को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समझकर लिखने की जरूरत है. ताकि पाठक अपना जुड़ाव उससे महसूस कर सके और अपने कालातीत को बेहतर तरीके से समझ सके.

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

वहीं महोत्सव में आज आशुतोष शुक्ला और डॉ. राजेश कुमार व्यास यात्रा वृतांत पर चर्चा करेंगे. अवधी भाषा और भविष्य की अवधी विषय पर डॉ. रश्मि शुक्ला, डॉ. सूर्य प्रकाश दीक्षित, मानस प्रकाश, डॉ. अनामिका श्रीवास्तव के साथ बात करेंगे. पुणे में आयोजित होने वाले पुस्तक महोत्सव के अंतर्गत वहां के लोगों ने 14 दिसंबर को एसपी कॉलेज में एक साथ मिलकर अपने बच्चों को कहानी सुनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत के इस प्रयास की सराहना की.