इस दिन से शुरू होगा होलाष्टक, जानिए महत्व और इन 8 दिनों में क्या न करें?
होलाष्टक 2023: ज्योतिष शास्त्र में होलाष्टक के आठ दिनों में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है. होलाष्टक का महत्व क्या है. इस दौरान कौन सी चीजों को करने से बचना चाहिए आइए जानें.
होलाष्टक 2023: फाल्गुन माह में होली का त्योहार बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होली के 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है. होलाष्टक जैसे कि नाम से स्पष्ट होता है कि होली और अष्टक. होली के आठ दिन पहले ही होलाष्टक लग जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक के आठ दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार होलाष्टक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर पूर्णिमा तक चलता है. आइए जानते हैं होलाष्टक का महत्व और इस दौरान क्या करने करने से बचना चाहिए.
होलाष्टक के दौरान क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य
होली के 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है. यह 8 दिन अशुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है दैत्य हिरण्यकश्यप ने लगातार 8 दिनों तक भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्रलाद को कई तरह के कष्ट दिए थे. इस कारण से होली के 8 दिन पहले से कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. वहीं एक दूसरी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या को भंग कर दिया था. तब भगवान शिव ने क्रोध में आकर अपनी तीसरी आंख से कामदेव को भस्म कर दिया था. तब कामदेव की पत्नी रति ने भगवान शिव से अपने पति को पुनर्जीवत करने की प्रार्थना की थी. तभी से होलाष्टक की परंपरा चली आ रही है. होलिका दहन के साथ होलाष्टक के आठ दिनों की समाप्ति हो जाती है.
इस दिन से शुरू होंगे होलाष्टक
इस बार होलाष्टक 28 फरवरी से शुरू हो जाएंगे जो 7 मार्च तक होलिका दहन तक चलेगा. होलिका दहन के बाद अगले दिन यानी 08 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी. होलाष्टक के 8 दिनों के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित हो जाता है.
होलाष्टक के दौरान न करें ये काम
– होलाष्टक लग जाने के बाद से कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. जैसे नया वाहन आदि की खरीदारी करने से बचना चाहिए. – होलाष्टक के दौरान जमीन, मकान और किसी अन्य तरह की प्रापर्टी का लेन-देन करने से बचा जाना चाहिए. – होलाष्टक पर कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य जैसे सगाई, विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए. – होलाष्टक के दौरान सोने-चांदी के आभूषणों के खरीदारी करना वर्जित होता है. – होलाष्टक पर किसी भी तरह का धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं करना चाहिए.