लखनऊ में LDA की रडार पर प्लॉट, अवैध कब्जा है तो हटा लें, नहीं तो बुलडोजर गिराने पहुंच रहा

राजधानी लखनऊ में एलडीए ने अब अवैध कब्जेदारों पर तेजी से कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. प्रतिदिन किसी न किसी इलाके में एलडीए का बुलडोजर पहुंचता रहता है और अवैध निर्माणों और प्लाटिंग पर चलता रहता है. एलडीए की इस कार्रवाई से भूमाफिया डरे हुए हैं.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के निर्देश पर शहर में अवैध निर्माण और प्लाटिंग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के क्रम में सोमवार को प्रवर्तन टीम ने बड़ी कार्रवाई की. इस दौरान गोसाईंगंज में लगभग 50 बीघा और सैरपुर में दो बीघा क्षेत्रफल में की जा रही दो अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त किया गया. वहीं, काकोरी में अवैध रूप से किए जा रहे दो व्यावसायिक निर्माण सील किए गए.
प्रवर्तन जोन-1 के जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी ने बताया कि राजेन्द्र निषाद, उमेश कनौजिया और अन्य द्वारा किसान पथ पर गोमती बंधे के पास नूरपुर बेहटा में लगभग 50 बीघा क्षेत्रफल में अनाधिकृत रूप से प्लाटिंग का कार्य करते हुए अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी. प्राधिकरण से ले-आउट स्वीकृत कराए बिना की जा रही उक्त अवैध प्लाटिंग के विरुद्ध विहित न्यायालय द्वारा ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किए गए थे, जिसके अनुपालन में प्रवर्तन टीम द्वारा प्राधिकरण पुलिस बल के सहयोग से अवैध प्लाटिंग के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कराई गई.
इस दौरान डेवलपर द्वारा स्थल पर विकसित की गई सड़क, नाली और बाउन्ड्रीवाॅल आदि को ध्वस्त कर दिया गया. प्रवर्तन जोन-4 के जोनल अधिकारी अतुल कृष्ण सिंह ने बताया कि देशराज सिंह, मोहर्रम अली, जमील और अन्य द्वारा सैरपुर में रैथा रोड पर ग्राम-भौली एवं पूरब गांव में जनता मेडिकल स्टोर के सामने लगभग दो बीघा क्षेत्रफल में अवैध रूप से प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा रहा था, जिसके विरुद्ध विहित न्यायालय द्वारा वाद योजित करते हुए ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किए गए थे. सोमवार को प्रवर्तन टीम द्वारा पुलिस बल के सहयोग से उक्त अवैध प्लाटिंग के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कराई गई.
प्रवर्तन जोन-3 के जोनल अधिकारी रवि नंदन सिंह ने बताया कि मोहम्मद हमाद, आदाब और अन्य द्वारा काकोरी में शिवरी वंश धर्मकांटा के सामने लगभग 100 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखंड पर व्यावसायिक काॅम्पलेक्स का निर्माण करवाया जा रहा था. इसके अलावा तोशिक और अन्य द्वारा काकोरी में हरदोई रोड मोड के पास लगभग 450 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखंड पर व्यावसायिक निर्माण कराया जा रहा था. प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराए बिना किए जा रहे इन दोनों अवैध निर्माण के विरुद्ध विहित न्यायालय द्वारा सीलिंग के आदेश पारित किए गए थे, जिसके अनुपालन में प्रवर्तन टीम द्वारा उक्त अवैध निर्माणों को सील कर दिया गया.