Madhubani Lok Sabha Seat: हुकुमदेव नारायण का गढ़ है मधुबनी लोकसभा सीट, क्या इस बार भी खिलेगा यहां से कमल?

Madhubani Lok Sabha Seat: हुकुमदेव नारायण का गढ़ है मधुबनी लोकसभा सीट, क्या इस बार भी खिलेगा यहां से कमल?

मधुबनी लोकसभा सीट को हुकुमदेव नारायण यादव का गढ़ कहा जाता है. इस सीट से हुकुमदेव नारायण 5 बार के सांसद रह चुके हैं. साथ ही वह तीन बार के विधायक भी रहे हैं. अभी इस सीट पर हुकुमदेव नारायाण के बेटे अशोक कुमार यादव बीजेपी के सिंबल से सांसद हैं.

बिहार का मधुबनी जिला अपनी खास पेंटिंग के लिए जाना जाता है. यहां की पेंटिंग विश्व प्रसिद्ध है. यह खास पेंटिंग मधुबनी जिले की महिलाओं द्वारा बनाई जाती है. इसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है. लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही मुधबनी की पेंटिंग के साथ ही अब यहां के सियासत की चर्चा भी खूब हो रही है. बिहार के मधुबनी लोकसभा क्षेत्र को हुकुमदेव नारायण यादव का गढ़ कहा जाता है. हुकुमदेव नारायण यादव मधुबनी लोकसभा क्षेत्र से 5 बार के सांसद रह चुके हैं. अभी इस सीट से उनके बेटे अशोक कुमार यादव सांसद हैं. यह सीट बीजेपी के कब्जे में है.

मधुबनी लोकसभा सीट के इतिहास की बात करे तो साल 1976 तक यह जयनगर लोकसभा क्षेत्र में आता था. मधुबनी लोकसभा सीट 1976 के बाद ही अस्तित्व में आई. 1977 में मधुबनी लोकसभा सीट से हुकुमदेव नारायाण पहली बार जनता पार्टी से सांसद बने. 1980 में लोक दल की ओर से हुकुमदेव नारायण राज्यसभा सांसद बने. इसके बाद हुकुमदेव नारायण 1999 में भारतीय जनता पार्टी के सिंबल से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में हुकुमदेव नारायाण लगातार दो बार बीजेपी से सांसद बने. वह तीन बार के विधायक और पांच बार के सांसद रहे हैं.

कांग्रेस से नाराज होकर शकील अहमद ने लड़ा निर्दलीय चुनाव

मधुबनी लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता शकील अहमद भी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. कांग्रेस नेता शकील अहमद ने 1998 और 2004 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. वह 1985, 1990 और 2000 में विधायक भी रहे थे. मनमोहन सिंह की सरकार में शकील अहमद आईटी और गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में शकील अहमद कांग्रेस के आलाकमान से नाराज हो गए थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप चुनाव लड़ा था. उन्हें 1 लाख 31 हजार 530 वोट मिले थे.

हुकुमदेव नारायण के बेटे ने BJP से दर्ज की जीत

2019 के लोकसभा चुनाव में मधुबनी सीट से हुकुमदेव नारायण के बेटे अशोक कुमार यादव ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़े अशोक कुमार यादव को 5,95,843 वोट मिले हुए थे. अशोक कुमार यादव ने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के उम्मीदवार बद्री कुमार पूर्बे को हराया था. पूर्बे को इस चुनाव में 1,40,903 वोट मिले हुए थे. निर्दलीय उम्मदीवार शकील अहमद तीसरे नंबर पर रहे थे. इस तरह बीजेपी ने इस सीट पर साढ़े 4 लाख से ज्यादा मतो से जीत दर्ज की थी.

RJD के सिद्धकी को हुकुमदेव ने हराया

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के दिग्गज नेता हुकुमदेव नारायाण ने यहां से जीत दर्ज की थी. हुकुमदेव नारायण को 3,58,040 वोट मिले थे. हुकुमदेव नारायण ने आरजेडी के उम्मीदवार अब्दुल बारी सिद्धकी को 20, 535 वोटों से हराया था. जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उम्मीदवार प्रोफेसर गुलाम गौस को सिर्फ 56,392 वोट ही मिले थे. हुकुमदेव नारायण 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने से पहले 4 बार संसद पहुंच चुके हैं. इसमें एक बार वह राज्यसभा सांसद भी चुने गए थे.

6 में से 4 BJP, 1-1 JDU और RJD के पास विधानसभा सीट

मधुबनी लोकसभा सीट में 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. हरलाखी विधानसभा सीट से अभी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सुधांशु शेखर विधायक हैं. बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विनोद नारायण झा विधायक हैं. बिस्फी विधानसभा सीट से बीजेपी हरिभूषण ठाकुर विधायक हैं. मधुबनी विधानसभा सीट से आरजेडी के समीर कुमार महासेठ विधायक हैं. केवटी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के मुरारी मोहन झा के पास है. जाले विधानसभा सीट से बीजेपी जीबेश कुमार विधायक हैं. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र की कुल 6 विधानसभा सीटों में 4 बीजेपी के पास, 1 जेडीयू और 1 आरजेडी के पास है.