‘शाहरुख सहमत भी होते तो नहीं लेती…’, ‘ज्विगेटो’ को लेकर नंदिता दास का बयान!

‘शाहरुख सहमत भी होते तो नहीं लेती…’, ‘ज्विगेटो’ को लेकर नंदिता दास का बयान!

कॉमेडियन किंग कपिल शर्मा एक बार फिर से अदाकारी में हाथ आजमाने के लिए तैयार हैं. इस बार कपिल ने अपनी अपकमिंग फिल्म 'ज्विगेटो' को करने से पहले काफी सोच-विचार किया है. इस फिल्म को लेकर कपिल लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं.

मुंबई : कॉमेडियन किंग कपिल शर्मा एक बार फिर से अदाकारी में हाथ आजमाने के लिए तैयार हैं. इस बार कपिल ने अपनी अपकमिंग फिल्म ‘ज्विगेटो’ को करने से पहले काफी सोच-विचार किया है. इस फिल्म को लेकर कपिल लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. बीते दिन फिल्म का ट्रेलर भी रिलीज कर दिया गया. ‘ज्विगेटो’ के ट्रेलर ने लोगों को इमोशनल कर दिया है. कपिल का कैरेक्टर काफी शानदार हैं. कपिल ने इस फिल्म को लेकर कई सारे बयान दिए. जिसमें से एक था नंदिता दास का उन्हें चुनना.

फिल्म के ट्रेलर लॉन्च इवेंट पर कपिल ने कहा कि ,यह नंदिता ही थीं जिन्होंने उन्हें बताया कि अगर शाहरुख खान फिल्म के लिए राजी हो जाते, तो भी वह उन्हें नहीं लेती क्योंकि इसके लिए एक ‘आम चेहरे’ की जरूरत थी. ज्विगेटो एक ऐसे शख्स की कहानी है, जो एक फूड डिलीवरी ब्वॉय है. घर-घर जाकर लोगों तक उनका खाना पहुंचाता है. हालांकि वह पहले एक फैक्ट्री में काम किया करता था. लेकिन अपना नौकरी गवाने के बाद वह हालातों के चलते फूड डिलीवरी ब्वॉय का काम करने लगता है.

कपिल शर्मा ने अपनी कास्टिंग को लेकर नंदिता दास से जो सवाल किए उन्हें बताते हुए कहा कि, मैंने उनसे पूछा, ‘मैं ही क्यों?’ समझ नहीं आ रहा था कि उनके जवाब को तारीफ समझूँ या अपमान. उन्होंने जवाब दिया, ‘भले ही ग्लोबल स्टार शाहरुख खान फिल्म करने के लिए सहमत होते, मैं उन्हें नहीं लेती, लेकिन आपको चुना क्योंकि आपके पास इतना सामान्य चेहरा है, यह भीड़ में कहीं भी फिट हो सकता है’.

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कपिल शर्मा के साथ इस फिल्म में शाहाना गोस्वामी भी लीड रोल में हैं. उन्होंने कपिल की पत्नी का किरदार निभाया है. वहीं एक्ट्रेस सयानी गुप्ता और गुल पनाग भी अहम किरदार में नजर आने वाले हैं. कपिल ने इस फिल्म से जुड़ने को लेकर भी बात की. उन्होंने मीडिया से कहा, मैं कोका-कोला में काम करता था. हम सभी जब पहली बार मुंबई आते हैं, तो यहां-वहां छोटे-मोटे काम करते हैं. प्रोडक्ट को ट्रकों में ले जाया करते थे. तब कोई ऐप नहीं था. लेकिन, जब नंदिता मैम मेरे पास आईं और मुझे बताया कि डिलीवरी करने वालों को किन-किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, तो मैं उस कहानी से काफी हद तक खुद से जोड़ पाया.