फ्लोर टेस्ट से पहले बढ़ी नीतीश-BJP की टेंशन, मांझी ने रखी एक और शर्त, अब इस बड़े विभाग पर नजर
![फ्लोर टेस्ट से पहले बढ़ी नीतीश-BJP की टेंशन, मांझी ने रखी एक और शर्त, अब इस बड़े विभाग पर नजर](https://images.tv9hindi.com/wp-content/uploads/2024/02/jitan-ram-manjhi-1.jpg)
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मैं गांव से आता हूं, शहर से मेरा कोई मतलब नहीं रहता है. मैं 43 साल से काम कर रहा हूं और लोगों को मुझसे उम्मीद रहती है कि कुछ काम मैं कर दूं. अगर मुझे कोई मंत्रालय मिल जाए तो और काम हो सकता है. हमेशा मैं एक ही विभाग देखता रहूं ये अच्छा नहीं लगता है.
बिहार में 12 फरवरी को एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है, लेकिन इस बीच पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के एक बयान ने एनडीए की टेंशन बढ़ा दी है. गया के वजीरगंज में मांझी ने कहा कि वह एक मंत्रालय से संतुष्ट नहीं है. बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी ने एनडीए की नई सरकार में दो मंत्रालय मांगे थे. हालांकि उन्हें एक ही विभाग मिला और उनके बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया. अब उन्होंने विभागों का जिक्र करते हुए बड़ी बात कह दी है.
दरअसल गया के वजीरगंज कॉलेज परिसर में रविवार को ‘हम’ की ओर से ‘गरीब संकल्प सभा’ का अयोजन किया गया था. सभा को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि 1984 से 2013 तक जब भी मंत्री बने तो सिर्फ अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री बने. अब बेटा संतोष कुमार सुमन को भी एससीसीटी कल्याण मंत्री बनाया गया है.
कब तक एक ही विभाग देखता रहूं: मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मैं गांव से आता हूं, शहर से मेरा कोई मतलब नहीं रहता है. मैं 43 साल से काम कर रहा हूं. लोगों को मुझसे उम्मीद रहती है कि कुछ काम मैं कर दूं. अगर मुझे कोई मंत्रालय मिल जाए तो और काम हो सकता है. हमेशा मैं एक ही विभाग देखता रहूं ये अच्छा नहीं लगता है.
ये भी पढ़ें
हम एनडीए के साथ
मांझी ने कहा कि कभी-कभी हमारे मन में आता है कि जानबूझ कर हमारे समाज को नजरअंदाज किया जा रहा है. ये कोई रंजिश नहीं है. इसके कारण समर्थन देने और लेने का कोई फर्क नहीं आता है. हम नीतीश कुमार और एनडीए के साथ हैं और रहेंगे. 12 फरवरी को जो फ्लोर टेस्ट होगा उसमें डट कर हम एनडीए का साथ देंगे.
काम करके खुद को साबित करना है: संतोष
पोर्टफोलियो आवंटन पर बिहार के मंत्री और हम अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन कहते हैं कि जब पहले एनडीए सरकार बनी थी, तो हमें दो विभाग आवंटित किए गए थे – लघु सिंचाई और एससी और एसटी कल्याण. बाद में, जब सरकार बदल गई और महागठबंधन की सरकार आई बिजली, हमार एक विभाग छीन लिया गया. जो भी विभाग दिया जाए, काम तो काम है. आपको काम करके खुद को साबित करना है.