बच्चों के हक से खिलवाड़! सड़क किनारे मिला लाखों किताबों का पहाड़, कौन है जिम्मेदार?

बच्चों के हक से खिलवाड़! सड़क किनारे मिला लाखों किताबों का पहाड़, कौन है जिम्मेदार?

संभल के डीएम राजेंद्र पैसिया ने बताया कि जांच पड़ताल में सहायक अभियंता की बड़ी लापरवाही पाई गई उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है. जल विभाग द्वारा यह किताबें गांव में जागरूकता हेतु बाटी जाती लेकिन जल विभाग के कर्मचारियों द्वारा लापरवाही पाई गई.

उत्तर प्रदेश के संभल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. मोहल्ला हल्लू सराय चामुंडा मंदिर से आगे हसनपुर मुंजबता मार्ग पर आज जल जीवन मिशन की हजारों किताबें सड़क किनारे पड़ी मिली. सूचना मिलने पर एसडीएम विनय कुमार मिश्रा और नायब तहसीलदार सतेंद्र चाहर मौके पर पहुंच गए. जिसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला गया फिर अधिकारियों में हड़कंप मच गया. अधिकारियों ने जांच पड़ताल की तो पता चला की किताबें ब्लॉक के माध्यम से लोगों को बंटवाने के लिए आई थी, लेकिन उन्हें बांटा नहीं जा सका.

इसके बाद जल जीवन मिशन के गोदाम से निकालकर किताबें सड़क किनारे फेंक दी गई. अधिकारियों के निर्देश पर एक प्राइवेट कर्मचारी को हिरासत में लिया गया. वहीं किताबों का स्टाक ट्रैक्टर-ट्रॉली में लादने के बाद कब्जे में कर लिया गया.

जलजीवन निगम की बड़ी लापरवाही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वपूर्ण सरकारी योजना, जलजीवन मिशन, को लेकर उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जल निगम की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जलजीवन मिशन के तहत लोगों को बांटने के लिए आईं एक हजार से अधिक किताबों के बंडल सड़क किनारे फेंक दिए गए, जो बरसात में भीगते रहे.

जिलाधिकारी ने क्या कहा?

जनपद संभल के डीएम राजेंद्र पैसिया ने बताया कि जांच पड़ताल में सहायक अभियंता की बड़ी लापरवाही पाई गई उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है. जल विभाग द्वारा यह किताबें गांव में जागरूकता हेतु बाटी जाती लेकिन जल विभाग के कर्मचारियों द्वारा लापरवाही पाई गई.