बंगाल क्रूरता का गढ़, हर तरफ गुंडाराज… कोलकाता कांड पर बोले राज्यपाल सीवी आनंद बोस
कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना को लेकर राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बंगाल अब वो बंगाल नहीं रह गया है. यह क्रूरता का गढ़ बन गया है. बंगाल में तोड़फोड़ एक आम बात हो चुकी है. पुलिस है, लेकिन उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर से रेप और मर्डर का मुद्दा दिन पर दिन तूल पकड़ता जा रहा है. घटना के बाद से राज्य की ममता बनर्जी सरकार के काम करने के तरीके पर सवाल खड़े हो गए हैं. अब इस मुद्दे पर राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने निशाना साधते हुए ममता सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.
टीवी9 से बातचीत में राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में जो घटना हुई है वह बहुत दुख की बात है. बंगाल में गुंडों का राज है. घटना के बाद से सारे छात्र डरे हुए हैं. कोई सेंस ऑफ सिक्योरिटी नहीं है. हर तरफ गुंडाराज फैला है. जो वहां पर हो रहा है यह एक आम धारणा है. स्थिति बहुत दयनीय हो गई है. अस्पताल की सुरक्षा का भी ख्याल नहीं रखा गया.
‘सुरक्षा देना सरकार का काम’
उन्होंने कहा कि लोगों को सिक्योरिटी देना सरकार का कर्तव्य है, लेकिन बंगाल की सरकार इसमें फेल हो गई है. सरकार को लोगों की जिंदगी और प्रॉपर्टी को प्रोटेक्ट करना चाहिए. हाल के दिनों में जो घटनाएं हो रही है वह इस बात को बताती है कि राज्य सरकार लोगों को सुरक्षा देने में पूरी तरह से विफल रही है. बंगाल में तोड़फोड़ एक आम घटना हो गई है. बंगाल को हम रविंद्र नाथ टैगोर का घर बताते हैं जो भय मुक्त शासन की बात करते थे, लेकिन आज का बंगाल वैसा नहीं है.
राज्यपाल बोले- बंगाल क्रूरता का गढ़ हो गया है
राज्यपाल ने आगे कहा कि बंगाल क्रूरता का गढ़ हो गया है. कैंपस में राजनीति हो रही है और पुलिस राजनीति का हिस्सा हो चुकी है. पुलिस क्रिमिनलाइजेशन का हिस्सा हो रही है और यह स्थिति चिंता पैदा करने वाली है. हम सब तरीके का स्टेप्स ले रहे हैं ताकि लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके. कोई भी मेडिकल स्टूडेंट राजभवन आ सकता है और रह सकता है. शिकायत के लिए राजभवन की ओर से पोर्टल बनाया गया है, जहां कोई भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है.
सरकार की पर बरसे राज्यपाल
उन्होंने कहा कि घटना के बाद हमने मुख्यमंत्री से तत्काल 20 स्टेप उठाने के लिए कहा ताकि स्टूडेंट्स के राइट्स को प्रोटेक्ट किया जा सके. हमने सेंट्रल गवर्नमेंट के बहुत सारे मेडिकल इंस्टीट्यूशन के हेड के साथ चर्चा की. वहां पर पूरी तरीके से डेडिकेट सुरक्षा सिक्योरिटी है. बंगाल के मेडिकल कॉलेजों की स्थिति बहुत खराब है. मुख्यमंत्री भी ममता बनर्जी ही हैं और स्वास्थ्य मंत्री भी वहीं हैं इसके साथ-साथ गृह मंत्री भी हैं.
राज्यपाल ने और क्या-क्या कहा?
- मुख्यमंत्री को शुरुआती जिम्मेदारी लेनी चाहिए ताकि कैंपस की सुरक्षा हो सके.
- चीफ मिनिस्टर को रिस्पांसिबिलिटी लेनी चाहिए कि अगर कहीं हिंसा हो रही है तो उसको रोकें.
- मुख्यमंत्री को पुलिस को कंट्रोल की रिस्पांसिबिलिटी लेनी चाहिए.
- मुख्यमंत्री को उसकी ड्यूटी लेनी चाहिए यह वह चीज है जो बंगाल उनसे अपेक्षित कर रहा है उपेक्षा कर रहा है.
- अगर कोई पागल हो जाए तो उसे आप जेल में डाल सकते हैं, लेकिन जब जेल ही पागल हो जाए तो फिर क्या?
बंगाल में राष्ट्रपति शासन पर क्या बोले राज्यपाल?
राज्यपाल ने कहा कि जहां तक राष्ट्रपति शासन का सवाल है तो यह कांस्टीट्यूशनल मैटर है. इसके बारे में मैं कोई बयान नहीं दूंगा. संविधान में कई तरह के विकल्प है. अभी इसके बारे में कोई कमेंट करना ठीक नहीं है. मुझे जनता में विश्वास है, सीबीआई को जनता में विश्वास है. इंतजार कीजिए सीबीआई सच को साबित करेगी. हाई कोर्ट में सबको विश्वास है, थोड़ा वक्त लगेगा. धीरे-धीरे ही सब कुछ होगा.