दिल्ली के 3 SDM दफ्तरों को मिली बम से उड़ाने की धमकी, जांच में सूचना निकली झूठी

दिल्ली के 3 SDM दफ्तरों को मिली बम से उड़ाने की धमकी, जांच में सूचना निकली झूठी

पुलिस ने बताया कि इस बात की जांच शुरू कर दी गई है कि ई-मेल कहां से भेजा गया था और फर्जी सूचना देने के लिए कौन जिम्मेदार है. ईमेल भेजने वाले का पता लगाने के लिए साइबर यूनिट्स को लगाया गया है. इस घटना के कारण एसडीएम कार्यालय में सार्वजनिक सेवाएं कुछ समय के लिए बाधित रहीं.

दिल्ली के कापसहेड़ा, द्वारका और नजफगढ़ में एसडीएम कार्यालयों में बम रखे होने की सूचनाएं सोमवार को दी गईं जो बाद में झूठी निकली. पुलिस के अनुसार, सोमवार सुबह एसडीएम द्वारका और एसडीएम नजफगढ़ की आधिकारिक ईमेल आईडी पर धमकी भरे दो ईमेल आए, जिसमें दावा किया गया कि संबंधित कार्यालय भवनों में बम लगाए गए हैं.

इसी तरह की सूचना कापसहेड़ा एसडीएम कार्यालय को भी दी गई और कापसहेड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया. बता दें कि बम की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पूरे भवन को घेराबंदी कर स्टाफ और आमजन को सुरक्षित बाहर निकाला गया.

एसडीएम कार्यालयों की जांच

वहीं बम निरोधक दस्ता और स्पेशल वेपंस डिविजन (SWD) को भी मौके पर बुलाया गया. एसडीएम कार्यालयों की पूरी एंटी-सबोटाज जांच की गई. हालांकि, जांच के दौरान वहां से कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई. यह धमकी भरा ईमेल दोपहर करीब 12:30 बजे मिला था. फिलहाल मामले की आगे जांच जारी है.

इमारतों को कराया गया खाली

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों और आम लोगों को एहतियात के तौर पर वहां से निकाला गया और इमारतों की घेराबंदी की गई. परिसर की गहन जांच करने के लिए बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) और विशेष हथियार एवं रणनीति (स्वाट) टीमों को खोजी कुत्तों और उन्नत बम खोजी उपकरणों के साथ तैनात किया गया. अधिकारी ने कहा कि सभी इमारतों की अच्छे से जांच की गई, लेकिन कोई विस्फोटक या कोई संदिग्ध पदार्थ नहीं मिला.

फर्जी सूचना देने के लिए कौन जिम्मेदार?

द्वारका और कापसहेड़ा में एसडीएम कार्यालयों में जांच पूरी करने के बाद, बीडीएस टीम नजफगढ़ एसडीएम कार्यालय के लिए रवाना हुई और वहां भी इसी तरह का तलाशी अभियान चलाया, जिसमें कोई संदिग्ध सामग्री नहीं मिली. पुलिस ने बताया कि इस बात की जांच शुरू कर दी गई है कि ई-मेल कहां से भेजा गया था और फर्जी सूचना देने के लिए कौन जिम्मेदार है.

ईमेल भेजने वाले का पता लगाने के लिए साइबर यूनिट्स को लगाया गया है. इस घटना के कारण एसडीएम कार्यालय में सार्वजनिक सेवाएं कुछ समय के लिए बाधित रहीं. हालांकि, बम निरोधक दस्ते से मंजूरी मिलने के बाद सामान्य कामकाज फिर से शुरू हो गया.