IND vs AUS: भारतीय कप्तान से भिड़ा ऑस्ट्रेलियाई बॉलर, बीच मैच में हुआ भयंकर बवाल
एक बेहतरीन पारी खेल रहे भारतीय टीम के कप्तान सुनील गावस्कर का विकेट विवाद का कारण बन गया, जिसके कारण टेस्ट मैच ही खतरे में पड़ गया था.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज शुरू हो चुकी है और ऐसे में दोनों देशों के क्रिकेट में फिलहाल इस सीरीज की ही चर्चा है. इस सीरीज को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के नाम से भी जाना है जो टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले पहले दो दिग्गजों, सुनील गावस्कर और एलन बॉर्डर के नाम पर है. दोनों दिग्गजों का भारत-ऑस्ट्रेलिया के मुकाबलों में भी खासा असर रहा है. फिलहाल बात गावस्कर की, जिनके लिए इस प्रतिद्वंद्विता के इतिहास में आज का दिन यानी 10 फरवरी कभी न भूलने वाली घटना लेकर आया था. एक ऐसी घटना, जिसने पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया था और इसकी वजह बना था एक विकेट.
बात 1981 की है. भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी और दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की सीरीज खेली जा रही थी. ऑस्ट्रेलिया सीरीज में 1-0 से आगे थी और मेलबर्न में आखिरी मुकाबला था. मैच में भारत की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही थी और पहली पारी में सिर्फ 237 रन बने थे, जबकि जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 419 रन कूट दिए थे. ऐसे में दूसरी पारी में अच्छे स्कोर की जरूरत थी.
गावस्कर vs लिलीः भीषण बवाल
टीम के कप्तान सुनील गावस्कर थे और उनके लिए पूरा ही दौरा अभी तक अच्छा नहीं गुजरा था. वह लगातार सस्ते में आउट हो रहे थे. हालांकि, दूसरी पारी में गावस्कर ने अपने ओपनिंग जोड़ीदार चेतन चौहान के साथ जबरदस्त साझेदारी की और 165 रन जोड़ लिए थे. गावस्कर 70 रन बना चुके थे और यहीं पर हुआ बवाल.
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज डेनिस लिली की गेंद पर गावस्कर के खिलाफ LBW की अपील हुई और अंपायर रेक्स वाइटहेड ने उन्हें आउट दे दिया. गावस्कर इस पर नाराज हो गए. उन्होंने कहा भी कि गेंद बल्ले से लगी थी लेकिन अंपायर ने नहीं सुनी.
गावस्कर गुस्से में क्रीज पर ही खड़े थे और तभी लिली ने उनकी ओर बढ़कर पैड की ओर इशारा करके बताया कि वह आउट हैं. इसके अलावा वह कुछ अपशब्द भी बोल रहे थे. गावस्कर जब वापस जाने लगे तो लिली ने कुछ ऐसा बोला कि गावस्कर तमतमा उठे. वह वापस लौटे और अपने साथी चेतन को अपने साथ वापस ले जाने लगे. मजबूरी में चेतन को भी लौटना पड़ा और हर कोई ये तमाशा देखकर हैरान था.
फिर भी जीता भारत
इससे पहले कि दोनों बाउंड्री पार कर पाते, भारतीय टीम के मैनेजर और असिस्टेंट मैनेजर ने आकर उन्हें रोका और समझाते हुए चेतन को वापस भेजा, जबकि गावस्कर को अपने साथ पवेलियन ले गए. एक वक्त मैच बीच में ही खत्म होने की कगार पर था लेकिन फिर किसी तरह दोबारा शुरू हुआ और भारत ने 324 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 143 रन का लक्ष्य मिला, लेकिन पांचवें दिन चोट के बावजूद भारत के स्टार पेसर कपिल देव ने 5 विकेट उखाड़ दिए और ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 83 रन पर ढेर हो गया. भारत ने मैच जीता और सीरीज बराबर कराई.
क्या थी विवाद की वजह?
अब बात विवाद की. असल में इसकी जड़ में खराब अंपायरिंग थी. इस सीरीज में वाइटफील्ड ने अंपायरिंग डेब्यू किया था और तीनों टेस्ट में अंपायरिंग की. हालांकि पहले मैच से ही भारतीय टीम खराब अंपायरिंग की शिकायत करती रही और यहां तक कि ये भी कहा कि कम से कम 7 फैसले गलत तरह से भारत के खिलाफ गए. गावस्कर ने मीडिया से कहा कि ये उनके गुस्से की वजह था. वहीं डेनिस लिली ने शेखी बघारते हुए कहा कि गावस्कर उस पारी से पहले पूरी सीरीज में उनके खिलाफ रन नहीं बना पाए थे और इसके कारण ही उन्हें गुस्सा आया था.